नई दिल्ली: केंद्रीय विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने भारत को “विश्वगुरु” (वैश्विक मार्गदर्शक) बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ पारस्परिक रूप से लाभप्रद द्विपक्षीय संबंध बनाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
बेंगलुरु के समीप स्थित सत्य साईं ग्राम, मुद्देनहल्ली में आयोजित उक्त बैठक में मंगोलिया, रवांडा, गुयाना, पेरू, सूरीनाम, त्रिनिदाद और टोबैगो तथा कजाकिस्तान के राजनयिक भाग ले रहे थे। केंद्रीय मंत्री ने भारत सहित सम्पूर्ण विश्व में अनेक निःशुल्क स्वास्थ्य और शैक्षणिक केंद्र परिचालित करने वाले श्री सत्य साईं मानव अभ्युदय विश्वविद्यालय के ट्रस्ट की भूमिका की सराहना की।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय राजनयिकों के समूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि, “संस्कृति मंत्रालय और विदेश मंत्रालय सरकार के एक अंग के रूप में भारत की सांस्कृतिक विशिष्टता को पोषित करने और बढ़ावा देने के लिए तथा आध्यात्मिक, आर्थिक और सैन्य रूप से एक नए भारत के विकास में गौरवान्वित अनुभव करने के लिए व्यापक स्तर पर कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि आध्यात्मिक गुरुओं, श्री सत्य साईं बाबा और सद्गुरु मधुसूदन साईं के पदचिन्हों का अनुसरण करते हुए भारत अब एक विश्वगुरु बन गया है। केन्द्रीय मंत्री ने श्री सत्य साईं मानव अभ्युदय विश्वविद्यालय को सम्पूर्ण संसार के लिए भारत के आध्यात्मिक और कल्याण के संदेश का ध्वजवाहक बताया और कहा कि "श्री सत्य साईं लोक सेवा गुरुकुलम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस इसके 27 परिसरों में ग्रामीण क्षेत्रों के 5,000 बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करता है।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, “आध्यात्मिकता का विकास, योग और ध्यान का अभ्यास तथा विवेक का विकास ऐसे उत्तरदायी युवा नागरिक सृजित करने की कुंजी है जो स्वयं के जीवन को महत्व देते हुए समाज की देखभाल करेंगे एवं इस राष्ट्र का निर्माण करेंगे।“
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भारत आर्थिक और सैन्य रूप से संसार के सबसे प्रभावशाली देशों में से एक के रूप में उभरने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, हमें संसार की बेहतर समझ और मनुष्य के रूप में जन्म प्राप्त होने के सार का अनुभव करने के लिए अपनी आध्यात्मिक विरासत और दर्शन के साथ पुनः एक बार गहराई से जुड़ने की आवश्यकता है।
मंत्री ने मानव कल्याण के काम में श्री सत्य साईं लोक सेवा संस्थानों की भूमिका की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये संस्थान “स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण पर केंद्रित हैं।“ श्री सत्य साईं का अन्नपूर्णा प्रातःकालीन पोषाहार कार्यक्रम 6,500 सरकारी केंद्रों में लगभग 5 लाख बच्चों को प्रतिदिन निःशुल्क पोषण प्रदान करता है।
केंद्रीय मंत्री ने स्वीकार किया कि श्री सत्य साईं मानव अभ्युदय विश्वविद्यालय कर्नाटक में पहला निःशुल्क चिकित्सा महाविद्यालय भी स्थापित कर रहा है, और संस्थान को उसके भविष्य के प्रयासों के लिए अपनी शुभकामनाएं प्रदान की।
रवांडा गणराज्य की उच्चायुक्त, महामहिम जैकलीन मुकांगीरा; गुयाना सहकारी गणराज्य के उच्चायुक्त, महामहिम चरणदास पर्सोद और पेरू गणराज्य के दूतावास मिशन की उप-प्रमुख मोनिका सेसिलिया कैम्पोस फर्नांडीज ने केंद्रीय मंत्री के विचारों को सुना और अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए भारत और भारतीय आध्यात्मिक गुरु के प्रयासों की सराहना की।
जिस तरह से सद्गुरु मधुसूदन साईं अपने निस्वार्थ स्वयंसेवकों के दल के साथ अनेक महान कार्यों को क्रियान्वित कर रहे हैं, मैं सद्गुरु मधुसूदन साईं की कार्य शैली से प्रभावित हूं। मंगोलिया के दूतावास के नामित राजदूत गनबोल्ड डंबजाव ने सभा को कहा कि, “मैं शीघ्र ही सद्गुरु मधुसूदन साईं को मंगोलिया में देखना चाहता हूं।“
इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले अन्य विदेशी राजनयिकों और उच्च दूतावास के अधिकारियों में, सूरीनाम गणराज्य के दूतावास की कार्यवाहक राजदूत रिया ए सिटल; त्रिनिदाद और टोबैगो गणराज्य के उच्चायुक्त महामहिम डॉ. रोजर गौपाल और भारत में कज़ाकिस्तान दूतावास के प्रथम अर्दक काकिमज़ानोव सम्मिलित थे।