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दुनिया के पांच बड़े शहद उत्पादक देशों में शामिल हुआ भारत, मधुमक्खीपालन के लिए सरकार ने किया 500 करोड़ रुपये का प्रावधान

By भाषा | Updated: May 22, 2020 16:54 IST

कृषि मंत्री ने यह बात राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) द्वारा ‘मीठी क्रांति और आत्मनिर्भर भारत’ विषय पर आयोजित वेबिनार में कही। इस वेबिनार का आयोजन एनसीडीसी ने राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड, पश्चिम बंगाल सरकार, उत्तराखंड सरकार और शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कश्मीर के साथ मिलकर किया था।

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ठळक मुद्दे मधुमक्खी पालन का काम गरीब व्यक्ति भी कम पूंजी में अधिक मुनाफा कमाने के लिए कर सकता है।इसे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री की ओर से 500 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की गई है।

नयी दिल्ली: केन्द्रीय कृषि एवं कृषि कल्याण, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने विश्व के पांच सबसे बड़े शहद उत्पादक देशों में स्थान बनाया है। देश में शहद का उत्पादन 2005-06 की तुलना में 242 प्रतिशत बढ़ गया है। तोमर ने कहा कि सरकार ने, ‘‘किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार मधुमक्खीपालन को बढ़ावा दे रही है और सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत मधुमक्खीपालन को और बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।

देश में मधुमक्खीपालकों की मेहनत से, विश्व में शहद के पांच सबसे बड़े उत्पादकों में भारत का नाम शुमार हुआ है।।’’ कृषि मंत्री ने कहा कि वर्ष 2005-06 की तुलना में अब शहद उत्पादन 242 प्रतिशत बढ़ गया है वहीं इसके निर्यात में 265 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने में मधुमक्खी पालन बहुत सहायक साबित हो सकता है। मंत्रालय की यहां जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है।

कृषि मंत्री ने यह बात राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) द्वारा ‘मीठी क्रांति और आत्मनिर्भर भारत’ विषय पर आयोजित वेबिनार में कही। इस वेबिनार का आयोजन एनसीडीसी ने राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड, पश्चिम बंगाल सरकार, उत्तराखंड सरकार और शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कश्मीर के साथ मिलकर किया था। तोमर ने कहा कि शहद उत्पादन और इसके निर्यात में वृद्धि से यह प्रदर्शित हो रहा है कि इस काम से किसान लाभान्वित हो रहे हैं, उनके जीवनस्तर में बदलाव आ रहा है और उनकी आमदनी भी बढ़ रही है।

उन्होंने कहा कि मधुमक्खीपालन के प्रशिक्षण के लिए चार मॉड्यूल बनाये गये हैं, जिसके माध्यम से देश में 30 लाख किसानों को प्रशिक्षण दिया गया है और उन्हें अन्य सहायता भी उपलब्ध कराई गयी है। तोमर ने कहा कि मधुमक्खीपालन को बढ़ावा देने के लिए गठित समिति की सिफारिशों के आधार पर भी सरकार आगे काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन का काम गरीब व्यक्ति भी कम पूंजी में अधिक मुनाफा कमाने के लिए कर सकता है। इसलिए इसे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री की ओर से 500 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि इससे मधुमक्खीपालकों के साथ-साथ किसानों की स्थिति में भी सुधार लाने में मदद मिलेगी।

बुधवार को आयोजित हुए इस वेबिनार में मधुमक्खीपालकों के साथ शहद प्रसंस्कणकर्ताओं, विपणन एवं ब्राडिंग पेशेवरों और अन्य अंशधारकों के अलावा एफएओ तथा एनईडीएसी, बैंकॉक जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों की भी भागीदारी हुई। एनसीडीसी के प्रबंध निदेशक सुदीप कुमार नायक ने महिला समूहों को बढ़ावा देने और एपिकल्चर सहकारी समितियों के विकास में एनसीडीसी की भूमिका पर प्रकाश डाला। 

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