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भारत दुनिया का चौथा देश जिसके पास राफेल जैसा अत्याधुनिक विमान मौजूद, पड़ोस के किसी देश के पास नहीं है यह विमान: विशेषज्ञ

By भाषा | Updated: July 29, 2020 20:37 IST

वायु सेना के बेड़े में 36 राफेल विमानों को शामिल किया जाना भारत के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है क्योंकि ऐसी दक्षता और बेजोड़ इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली वाला विमान पड़ोस में किसी भी देश के पास नहीं है।

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ठळक मुद्देअमेरिका के एफ-35 और एफ-22 लड़ाकू विमानों से भी इसकी तुलना की जाती है।राफेल ने पिछले कुछ वर्षों में राफेल ने अफगानिस्तान, लीबिया, माली, इराक और सीरिया में अपना दमखम दिखाया है।एफ-35 से तुलना पर विशेषज्ञों ने कहा कि राफेल ज्यादा फुर्तीला है क्योंकि यह लंबे समय तक हथियारों को लेकर उच्च गति के साथ उड़ान भर सकता है।

नयी दिल्ली: रक्षा विशेषज्ञों ने बुधवार को कहा कि सटीक वार, बेजोड़ ताकत और बहुउद्देशीय भूमिका के लिए दुनिया भर में चर्चित राफेल विमानों से भारत की वायु सेना की क्षमता में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी। खासकर, पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी देशों से सामना करते वक्त इसकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी। फ्रांस, मिस्र और कतर के बाद भारत चौथा ऐसा देश है जिसके पास यह अत्याधुनिक विमान है।

उन्होंने कहा कि चीन के साथ सीमा पर तनाव के मद्देनजर राफेल विमानों को बेड़े में शामिल करने का समय भी बहुत अहम है । उन्होंने कहा कि वायु सेना के बेड़े में 36 राफेल विमानों को शामिल किया जाना भारत के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है क्योंकि ऐसी दक्षता और बेजोड़ इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली वाला विमान पड़ोस में किसी भी देश के पास नहीं है।

वायु रक्षा, बेहद सटीकता से हमले, जहाज रोधी हमले की खासियत समेत इसकी अधिकतम रफ्तार 1.8 मैक है। अमेरिका के एफ-35 और एफ-22 लड़ाकू विमानों से भी इसकी तुलना की जाती है । पिछले कुछ वर्षों में राफेल ने अफगानिस्तान, लीबिया, माली, इराक और सीरिया में अपना दमखम दिखाया है।

एफ-35 से तुलना पर विशेषज्ञों ने कहा कि राफेल ज्यादा फुर्तीला है क्योंकि यह लंबे समय तक हथियारों को लेकर उच्च गति के साथ उड़ान भर सकता है। हालांकि वैमानिकी और इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली के मामले में एफ-35, राफेल से आगे है।

रक्षा विशेषज्ञ लक्ष्मण बेहेरा ने बताया, ‘‘वैश्विक बाजार में उपलब्ध यह सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू विमान है । चीन में उपलब्ध लड़ाकू विमानों की तुलना में यह अत्याधुनिक है और मारक क्षमता भी अधिक है।

निश्चित तौर पर भारत की रक्षा तैयारियों को इससे बढ़ावा मिलेगा। राफेल के आगमन का समय भी बिल्कुल उपयुक्त है।’’ चीन के लड़ाकू विमान जे-20 के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसकी तुलना राफेल से नहीं की जा सकती क्योंकि फ्रांस निर्मित विमान चीनी लड़ाकू विमान की तुलना में ज्यादा दक्ष है।

पूर्व वायु सेना प्रमुख फली होमी मेजर ने भी डॉ़ बेहेरा की राय से सहमति प्रकट की । पूर्व वायु सेना प्रमुख ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘राफेल और जे-20 के बीच कोई तुलना नहीं है । दुनिया जे-20 के बारे में नहीं जानती है । राफेल विमान भारतीय वायु सेना की क्षमता को और बढ़ाएंगे। ’’

मनोहर पर्रिकर रक्षा अनुसंधान और विश्लेषण संस्थान में अग्रणी विशेषज्ञ डॉ. बेहेरा ने कहा, ‘‘36 राफेल विमान आ जाने पर क्षेत्र में भारत के पास बेजोड़ हवाई ताकत होगी। भारत के लिए यह निर्णयकारी भूमिका अदा करेगा। ’’

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन ने लड़ाकू विमानों को बेड़े में शामिल किए जाने का जरूर संज्ञान लिया होगा । सरकार ने सोमवार को कहा कि सभी 36 लड़ाकू विमानों की आपूर्ति 2021 के अंत तक हो जाएगी। 

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