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आज नई शर्तों के साथ भारत-चीन के कॉर्प कमांडरों की मीटिंग, चीन की धोखेबाजी से निपटने का प्लान तैयार!

By आदित्य द्विवेदी | Updated: June 30, 2020 07:09 IST

पिछली दो बैठकों में दोनों पक्ष एलएसी पर तनाव कम करने के लिए सहमति जता चुके हैं। इसलिए इस तीसरी बैठक में सेनाओं को पीछे करने के तौर तरीकों को अंतिम रूप देने पर चर्चा हो सकती है।

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ठळक मुद्देभारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह करेंगे चीनी पक्ष का नेतृत्व तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के कमांडर मेजर जनरल लिउ लिन कर सकते हैं।

भारत और चीनी सेना के कॉर्प कमांडर मंगलवार को तीसरे दौर की वार्ता के लिए चुशुल में बैठक करेंगे। चीन पर भरोसे की कमी के चलते भारत इसबार नई शर्तों के साथ पेश होगा। इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि पिछली दो बैठकों में दोनों पक्ष एलएसी पर तनाव कम करने के लिए सहमति जता चुके हैं। इसलिए इस तीसरी बैठक में सेनाओं को पीछे करने के तौर तरीकों को अंतिम रूप देने पर चर्चा हो सकती है। बातचीत में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह करेंगे जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के कमांडर मेजर जनरल लिउ लिन कर सकते हैं।

चीन दे चुका है धोखा

इससे पहले भारत और चीन के कॉर्प कमांडरों की पहली बैठक 6 जून को हुई थी। इसमें गलवान घाटी में तनाव करने के लिए सेनाओं को पीछे ले जाने पर सहमति बनी थी। भारत अपने सैनिक पीछे ले गया लेकिन चीन ने गलवान घाटी में अपना टेंट गाड़ लिया। इसके बाद भारतीय सैनिकों के साथ हिंसक झड़प हुई जिसमें भारत के एक कर्नल समेत 20 सैनिक शहीद हो गए। दूसरी बैठक माल्दो में 22 जून को हुई थी। इसबार चीन धोखेबाजी ना कर सके इसलिए तीसरी बैठक में सैनिकों को पीछे करने के सभी तौर-तरीकों पर विस्तार से चर्चा हो सकती है।

भारत की तैयारी पूरी

चीनी सेना गलवान, पैंगोंग सो और डेपसांग में लगातार अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा रही है और अस्थाई निर्माण भी कर रही है। जिससे भारत के दौलत बेग ओल्डी सरीखे सामरिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों को खतरा है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक भारत ने इसके जवाब में लद्दाख में और एयर डिफेंस की तैनाती कर दी है साथ ही साथ आर्मी को बॉर्डर के क्षेत्र में तैनाती कर दी है। 14वीं कोर बटालियन के सूत्रों के मुताबिक चीन के बिल्ड अप के मुकाबले भारत की तैयारी पूरी है। 

एलएसी की स्थिति बदलना चाहता है चीन

भारतीय सेना में इस बात पर एकमत है कि चीन एलएसी पर अपनी स्थिति को बदलना चाहता है। इसलिए गलवान घाटी, पैंगोंग सो और डेपसांग में आक्रामक रुख अपना रहा है। सूत्रों के मुताबिक वो 1960 के दावे के अनुसार एलएसी के कुछ प्वाइंट पर जाना चाहता है। पूरी गलवान घाटी पर दावा करके चीन चाहता है कि भारतीय सेना पेट्रोल प्वाइंट-14 तक पेट्रोलिंग ना करे। यहीं पर 15 जून को झड़प हुई थी। 

टॅग्स :लद्दाखचीनइंडियाभारतीय सेना
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