India-Canada diplomatic dispute: भारत-कनाडा राजनयिक विवाद गंभीर हो गया है। MEA प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हाँ, हमने कनाडा सरकार को सूचित किया है कि हमारी पारस्परिक राजनयिक उपस्थिति में समानता होनी चाहिए। उनकी संख्या कनाडा में हमारी तुलना में बहुत अधिक है।
अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि आज भारत और कनाडा के संबंधों जिस तरह के बन गए हैं, इससे बहुत ज्यादा असर भारत के नागरिकों पर पड़ने लगा है, क्योंकि कनाडा में सबसे ज्यादा हिन्दुस्तानी रहते हैं, पंजाब के बहुत से लोग वहां हैं। पिछले 2 दिनों में पंजाब में लोग बहुत ज्यादा घबराए हुए हैं। भारत सरकार से अनुरोध करता हूं जल्द से जल्द इसका कोई समाधान निकालें।
भारत और कनाडा के संबंधों में बढ़ते तनाव के बीच शिरोमणि अकाली दल (शिअद) अध्यक्ष बादल ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच विवाद का जल्द समाधान हो जाएगा। बादल ने रेखांकित किया कि बड़ी संख्या में पंजाबी कनाडा में रहते हैं और दोनों देशों के खराब होते रिश्तों की वजह से उनमें घबराहट है।
गृहमंत्री से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बातचीत में बादल ने कहा कि दोनों देशों के खराब होते रिश्तों की वजह से बड़ी संख्या में सिखों समेत पंजाबियों को हो रही परेशानियों की जानकारी को लेकर वह दुखी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पंजाबियों में घबराहट का भाव है। दोनों सरकारों, भारत और कनाडा को यथाशीघ्र इस समस्या का समाधान तलाशना चाहिए।’’
जब बादल से पूछा गया कि भारत बार-बार कनाडा से उसकी जमीन पर खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर चिंता जता रहा है तब उन्होंने कहा कि सिख सबसे अधिक देशभक्त लोग हैं, जिन्होंने आजादी की लड़ाई में सबसे अधिक कुर्बानी दी है। बादल ने कहा कि कुछ लोगों के कृत्य के लिए पूरे समुदाय को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच मुद्दों को सुलझाया जाना चाहिए न कि तूल देना चाहिए। शिअद अध्यक्ष ने रेखांकित किया कि कनाडा में 18 लाख भारतीय रहते हैं और उनमे से अधिकतर पंजाबी हैं। उत्तरी अमेरिकी देश में खालिस्तान समर्थक तत्वों की बढ़ती गतिविधि के मद्देनजर भारत-कनाडा के रिश्तों में गिरावट देखी जा रही है। भारत का मानना है कि ट्रूडो सरकार उसकी चिंताओं पर गौर नहीं कर रही है।