नई दिल्ली: वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चल रहे गतिरोध को हल करने के लिए भारत और चीन के बीच बातचीत जारी है। इस बीच समाचार एजेंसी एएनआई ने रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया है कि दोनों देशों ने पारस्परिक रूप से 11 मार्च 2022 को चुशुल मोल्दो बैठक बिंदु के भारतीय पक्ष में कोर कमांडर स्तर की वार्ता के 15वें दौर का आयोजन करने का निर्णय लिया है।
सूत्रों का ये भी कहना है कि 14 दौर की बातचीत के परिणामस्वरूप पैंगोंग त्सो, गालवान और गोगरा हॉट स्प्रिंग क्षेत्रों के उत्तर और दक्षिण बैंक का समाधान हुआ। दोनों पक्ष अब संतुलन घर्षण क्षेत्रों के समाधान पर ध्यान केंद्रित करेंगे। स्वीकार्य समाधान के लिए दोनों पक्षों के हालिया बयान उत्साहजनक है। बता दें कि सोमवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा था कि पिछले कुछ सालों में चीन और भारत को द्विपक्षीय संबंधों में 'थोड़ी मुश्किलों का' सामना करना पड़ा है।
मालूम हो, 12 जनवरी को भारत और चीन ने कोर कमांडर स्तर की 14वें दौर की बातचीत की थी। इस दौरान दोनों पक्षों ने सैन्य तथा कूटनीतिक माध्यमों से वार्ता जारी रखने पर सहमति जताई थी ताकि पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के लंबित मुद्दों का 'परस्पर स्वीकार्य समाधान' निकल सके। चीन ने भारत के साथ सैन्य स्तर की वार्ता के ताजा दौर को 'सकारात्मक और सार्थक' बताया था और कहा था कि बीजिंग सीमा विवाद के उचित प्रबंधन के लिए नयी दिल्ली के साथ मिलकर काम करेगा। चीन ने पड़ोसियों को 'डराने धमकाने' के अमेरिका के आरोप को खारिज कर दिया था।