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Independence Day 2023: दिल में आजादी का जज्बा जगा देगी ये ऐतिहासिक इमारतें, इस स्वतंत्रता दिवस जरूर घूमें यहां

By अंजली चौहान | Updated: August 9, 2023 17:00 IST

इस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करने और उनका सम्मान करने के लिए आप देशभक्ति के मूल्यों को संजोए किसी भी ऐतिहासिक स्थान पर जा सकते हैं।

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Independence Day 2023: भारत के इतिहास का सबसे गौरवपूर्ण दिन 15 अगस्त बस कुछ ही दिनों में आने वाला है। इस साल भारत अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाने की तैयारी में है। पूरे देश में नागरिक झंडा फहराकर, देशभक्ति के गीत गाकर और मार्च निकालकर इस दिन को मनाते हैं।

कई राज्य सरकारों और केंद्र ने भी इस स्वतंत्रता दिवस को मनाने के लिए कई कार्यक्रमों की योजना बनाई है। हालांकि, इससे अलग आजादी के महोत्सव को मनाने के लिए अपने स्वतंत्रता सेनानियों को याद करना बहुत जरूरी है उनके बलिदान और त्याग के कारण ही आज हम आजाद है।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हमारे स्वतंत्रता संग्राम के ऐतिहासिक क्षणों को संजोए कुछ ऐसे पर्यटक स्थल है जहां जाना और उस पल को महसूस करना बहुत जरूरी है।

यह आपके लिए उन महान स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और उन ऐतिहासिक क्षणों के बारे में जानने का भी अवसर होगा जिन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ देश की लड़ाई को आकार दिया। ऐसे में हमारे इस लेख में देशभर की उन ऐतिहासिक जगहों के बारे में जानकारी दी गई है जहां आप जा सकते हैं। 

1- जलियांवाला बाग

पंजाब के अमृतसर में स्थित जलियांवाला बाग को कौन नहीं जानता हम सभी ने इसके इतिहास के बारे में पढ़ा है लेकिन देखा बहुत कम लोगों ने। यह ऐतिहासिक स्थल उन स्थानों में से एक है, जहां स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान सबसे जघन्य नरसंहार हुआ है।

13 अप्रैल 1919 को, ब्रिटिश सेना ने पंजाब के प्रसिद्ध त्योहार वैशाखी के जश्न के लिए एकत्र हुए लोगों पर गोलियां चला दीं। घटना के वर्षों बाद भी, साइट की दीवारों पर गोलियों के कई निशान हैं। स्वतंत्रता दिवस पर जलियांवाला बाग जैसी जगह पर जाकर कोई भी वास्तव में उस अमूल्य स्वतंत्रता की सराहना कर सकता है जो बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान के कारण हासिल की गई थी।

2- वाघा बॉर्डर

वाघा बॉर्डर पंजाब के अमृतसर के पास स्थित है। यह सीमा स्थल 1959 से दैनिक आधार पर होने वाले ध्वज-उतारने के समारोह के लिए प्रसिद्ध है।

यह स्थल आगंतुकों को सबसे रोमांचक रिट्रीट समारोह देखने की अनुमति देता है जो देशभक्ति का प्रतीक है। अगर आप यहां स्वतंत्रता दिवस के इस मौके पर जाते हैं तो आपको भारतीय सैनिकों के बीच देशभक्ति का ऐसा जज्बा दिखाई देगा कि आप खुद उसमें रम जाएंगे।

3- कारगिल युद्ध स्मारक

जम्मू और कश्मीर में श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर स्थित  कारगिल युद्ध स्मारक को कौन नहीं जानता। हर देशवासी को कारगिल युद्ध याद होगा जिसमें हमारे वीर जवानों ने जीत हासिल की थी। ऐसे में आपको इस जगह को एक बार जरूर देखना चाहिए। कारगिल युद्ध स्मारक का निर्माण कारगिल युद्ध के शहीदों के सम्मान में भारतीय सेना द्वारा किया गया था।

इस स्थल पर स्मारक के बीच में एक बलुआ पत्थर की दीवार है जिस पर भारतीय सेना के सभी शहीदों के नाम अंकित हैं। यह स्थान हमें उन सैनिकों के बलिदान और बहादुरी की याद दिलाता है, जिन्होंने हमारे देश के लिए लड़ाई लड़ी। 

4- झाँसी किला

उत्तर प्रदेश में स्थित झाँसी का किला बंगराई की एक पहाड़ी पर स्थित है जो 1857 की क्रांति का गढ़ था। बुंदेला राजपूत प्रमुख वीर सिंह देव बुंदेला ने 1613 में इस 15 एकड़ के किले का निर्माण कराया था। यह 1857 में भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक है। 

5- दांडी गाँव

गुजरात के नवसारी में स्थित दांडी गाँव भारत में नमक का उत्पादन केंद्र है। यह 1930 में महात्मा गांधी द्वारा "दांडी मार्च" का केंद्र था। ब्रिटिश शासकों से स्वतंत्रता के लिए इस अहिंसक संघर्ष में हजारों लोगों ने गांधी का अनुसरण किया। यह स्थान एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक महत्व रखता है और यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

6- साबरमती आश्रम

साबरमती आश्रम को गांधी आश्रम और सत्याग्रह आश्रम के नाम से भी जाना जाता है। यह आश्रम गुजरात के अहमदाबाद में स्थित है। साबरमती आश्रम को गांधी आश्रम और सत्याग्रह आश्रम के नाम से भी जाना जाता है।

7- नाथू ला दर्रा

गंगटोक, सिक्किम में स्थित नाथू ला दर्रा एक प्राचीन रेशम मार्ग है जिसका उपयोग 1962 तक भारत और चीन के बीच व्यापार के लिए किया जाता था।

हालाँकि, अब यह स्थान भारत-चीन सीमा के रूप में कार्य करता है और एक पर्यटक स्थल भी है। नेहरू स्टोन यहां की एक और महत्वपूर्ण संरचना है जो 1958 में भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू की यात्रा का प्रतीक है। 

8- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सेलुलर जेल

सेलुलर जेल जिसे काला पानी की जेल भी कहा जाता है। यह भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के लिए बनाई गई थी। सेल्यूलर जेल परिसर एक राष्ट्रीय स्मारक है जो ब्रिटिश शासन के दौरान सबसे खतरनाक जेलों में से एक था। यह एक ऐसी जेल थी जहाँ कई भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को कैद किया गया था और उनमें से कई को तो यातनाएँ देकर मौत के घाट उतार दिया गया था।

यह साइट वास्तव में हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन की कीमत की याद दिलाती है, जिन्होंने देश की आजादी को अपने जीवन से पहले रखा था। सेल्युलर जेल में आगंतुकों के लिए एक लाइट एंड साउंड शो भी आयोजित किया जाता है। ये शो मुख्य रूप से स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन पर आधारित हैं। 

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