(इंट्रो, कैप्शन और दूसरे पैरा में सुधार के साथ)
हाफलोंग (असम), 13 नवंबर असम में दिमासा नेशनल लिबरेशन आर्मी (डीएनएलए) के सदस्यों के साथ चल रही बातचीत के एक हिस्से के रूप में संगठन के 46 सदस्य गुप्त गतिविधियां छोड़ कर शनिवार को सार्वजनिक जीवन में आ गए। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
इससे पहले, संगठन ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के शांति के आह्वान पर ‘‘सद्भावना जताने के लिए सकारात्मक प्रतिक्रिया’’ के तौर पर सात सितंबर से तीन महीने के लिए एकतरफा संघर्ष विराम की घोषणा की थी। डीएनएलए मुख्य रूप से दिमा हसाओ जिले में सक्रिय है।
पुलिस अधिकारी ने कहा, “शांति प्रक्रिया जारी है और हम डीएनएलए उग्रवादियों के उनके ठिकाने से बाहर आने का स्वागत करते हैं।”
अधिकारी ने बताया कि संगठन के प्रमुख एडिका दिफूसा उर्फ खरमिंदाओ दिमासा, उसके सहायक जुडीचान हाफलोंगबार उर्फ अमेरिका दिमासा और ‘महासचिव’ प्रीतमजीत जिदोंग्सा उर्फ गलाओ दिमासा सरकार से बात करने के लिए 24 सितंबर को सामने आए।
खुद को संगठन का क्षेत्रीय कमांडर बताने वाले नाडिंग दिमासा ने कहा, “एक बार संघर्ष विराम का खाका तैयार होने के बाद 300 से अधिक सदस्य जल्दी ही सामने आयेंगे।” संगठन के सदस्यों का स्वागत करने के लिए शनिवार को दिमा हसाओ जिले के खपरे बाजार में आयोजित एक कार्यक्रम में असम पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (विशेष शाखा) हिरेन नाथ और पुलिस महानिरीक्षक दीपक केडिया तथा अन्य अधिकारी शामिल हुए।
डीएनएलए की स्थापना 2019 में हुई थी और इसका कथित उद्देश्य “स्वतंत्र तथा संप्रभु दिमासा राष्ट्र” की स्थापना करना है। दिमा हसाओ जिले में 27 अगस्त को कोयले से लदे ट्रकों के पांच चालकों की हत्या में इस संगठन के सदस्यों का हाथ होने की आशंका जताई गई थी।
मुख्यमंत्री ने 10 मई को पदभार संभालने के बाद उग्रवादियों से बातचीत की पेशकश की थी।
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