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2016, 2017 और 2018 में 664, 633 व 485 अभ्यर्थियों ने हिन्दी, क्षेत्रीय भाषाओं के साथ सिविल सेवा परीक्षा पास की: सरकार

By भाषा | Updated: December 5, 2019 16:04 IST

कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन राज्य मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) तथा भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में अधिकारियों का चयन करने के लिए हर साल सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन किया जाता है।

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ठळक मुद्देसिंह ने बताया कि 2017 की परीक्षा के दौरान विभिन्न सेवाओं के लिए 1,056 अभ्यर्थियों की सिफारिश की गई।633 अभ्यर्थियों ने मातृ भाषा के तौर पर हिन्दी या अन्य क्षेत्रीय भाषा का चयन किया था।

सरकार ने बृहस्पतिवार को बताया कि मातृ भाषा के तौर पर हिन्दी या अन्य क्षेत्रीय भाषा चुनने वाले 485 अभ्यर्थियों का 2018 में सिविल सेवा में चयन हुआ।

कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन राज्य मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) तथा भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में अधिकारियों का चयन करने के लिए हर साल सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन किया जाता है।

सिंह ने बताया कि 2017 की परीक्षा के दौरान विभिन्न सेवाओं के लिए 1,056 अभ्यर्थियों की सिफारिश की गई। इनमें से 633 अभ्यर्थियों ने मातृ भाषा के तौर पर हिन्दी या अन्य क्षेत्रीय भाषा का चयन किया था। उन्होंने बताया कि 2016 की परीक्षा के दौरान विभिन्न सेवाओं के लिए चुने गए 1,204 अभ्यर्थियों में से 664 ने मातृ भाषा के तौर पर हिन्दी या अन्य क्षेत्रीय भाषा का चयन किया था।

डॉ सिंह ने लिखित उत्तर में यह भी बताया कि सरकार ऐसे कार्यबल के लिए प्रयत्नशील है जिसमें पुरुष तथा महिला उम्मीदवारों की संख्या में संतुलन हो। उन्होंने कहा कि महिला उम्मीदवारों को सिविल सेवाओं में शामिल होने की प्रतिभागिता के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। महिला उम्मीदवारों को सिविल सेवा परीक्षा के लिए शुल्क का भुगतान करने की जरूरत नहीं है। 

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