Parliament Monsoon Session: संसद के मानसून सत्र में विपक्षी दलों के लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के तीसरे और आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाब दिया। पीएम ने कहा कि आपने इस प्रस्ताव पर किस तरह की चर्चा की है। मैं सोशल मीडिया पर देख रहा हूं कि ‘आपके दरबारी भी बहुत दुखी हैं’। विपक्ष ने फील्डिंग का आयोजन किया, लेकिन चौके-छक्के यहीं से लगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष के लिए मेरे खिलाफ सबसे प्रिय नारा क्या है, मोदी तेरी क्रब खुदेगी। ये इनका पसंदीदा नारा है। मेरे लिए इनकी गालियां, ये अपशब्द, ये अलोकतांत्रिक भाषा, मैं उसका भी टॉनिक बना देता हूं।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी पर चुटकी देते हुए पीएम मोदी ने कहा, "इस अविश्वास प्रस्ताव में कुछ ऐसी चीजें भी नजर आईं जो पहले कभी नहीं देखा। सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता का नाम बोलने की सूची में नाम ही नहीं था। 1999 में वाजपेयी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया। शरद पवार ने उसका नेतृत्व किया। 2003 में सोनिया गांधी ने अविश्वास प्रस्ताव रखा। 2018 में खड़गे जी ने विषय को आगे बढ़ाया। इस बार अधीर बाबू का क्या हाल हो गया। उनकी पार्टी ने उन्हें बोलना का मौका नहीं दिया। ये तो कल अमित भाई ने कहा तो अध्यक्ष जी ने आपने उनको मौका दिया। लेकिन गुड़ का गोबर कैसे करना उसमें ये माहिर हैं।"
पीएम ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि आप ये मत भूलिए, आपको देश देख रहा है, आपके एक-एक शब्द को देश गौर से सुन रहा है। लेकिन हर बार देश को निराशा के सिवा आपने कुछ नहीं दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत की उपलब्धियों पर कांग्रेस समेत कुछ दलों को ऐतराज है। जो सच्चाई दुनिया को दूर से देखती है वो इनको नहीं दिखता है। अविश्वास और घमंड इनकी रगों में रच-बस गया है। वो जनता के विश्वास को कभी देख नहीं पाते हैं। ये जो शुतुरमुर्ग एप्रोच है इसके लिए देश क्या कर सकता है। पुरानी सोच वाले होते हैं तो वो कहता है कि जब शुभ होता है, कुछ मंगल होता है तो काला टीका लगा देते हैं। आज जब देश का मंगल हो रहा है तो आपको धन्यवाद करता हूं कि काले ड्रेस में आकर आपने इस मंगल को सुरक्षित करने काम किया है। इसके लिए धन्यवाद करता हूं।"