पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नए मोटर वाहन अधिनियम को लेकर अपनी राय दो टूक शब्दों में बयां कर दी है और उन्होंने अपने राज्य पश्चिम बंगाल में इसे लागू करने से मना कर दिया। उनका मानना है कि यह अधिनियम आमजन पर भार है। दरअसल, सूबे की सीएम ममता लगातर नरेंद्र मोदी सरकार की योजनाओं और नीतियों पर हमलावर रही है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, नबन्ना भवन में उन्होंने कहा कि मैं अभी इस मोटर वाहन अधिनियम को लागू नहीं कर सकती, क्योंकि हमारे सरकार के अधिकारियों की राय है कि अगर हम इसे लागू करते हैं तो यह लोगों पर भारी पड़ेगा।
केंद्रीय मंत्री का कहना था कि कठोर नियम आवश्यक थे क्योंकि लोग यातायात नियमों को हल्के में लेते थे और लोगों में इन नियमों का कोई भय या सम्मान नहीं था। वह इस मुद्दे को लेकर संवेदनशील हैं। उन लोगों से पूछिये जिन्होंने सड़क दुर्घटनाओं में किसी करीबी को खोया है। यदि कोई व्यक्ति नियमों का पालन करता है तो उसे जुर्माने का भय नहीं होना चाहिए।
उनका कहना था कि यदि कोई व्यक्ति यातायात नियमों का पालन कर रहा है तो उसे जुर्माने का डर क्यों है, लोगों को खुश होना चाहिये कि भारत में विदेश की तरह सड़कें सुरक्षित हो जाएंगी, जहां लोग अनुशासन के साथ यातायात नियमों का पालन करते हैं। क्या इंसानों के जान की कीमत नहीं है? सड़क दुर्घटनाओं के 65 प्रतिशत शिकार 18 से 35 वर्ष के होते हैं, उनके परिजनों से पूछिये कि उन्हें कैसा लगता है।