जम्मू-कश्मीर: जम्मू मंडल के रामबन के संगलदान इलाके के रहने वाले आमिर मागरे का शव उनके परिजनों को नहीं मिलेगा। मागरे हैदरपोरा में हुई मुठभेड़ में मारा गया था और जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा आज पेश की गई एसआईटी रिपोर्ट में उसे आतंकी करार दिया गया है।
दरअसल जम्मू कश्मीर पुलिस ने मंगलवार को दावा किया कि हैदरपोरा मुठभेड़ में मारे गए विदेशी आतंकी बिलाल ने शॉपिंग कांप्लैक्स के अल्ताफ अहमद को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया था। पुलिस का दावा है कि डॉ. मुदस्सर गुल द्वारा किराए पर लिए गए कमरों में पाकिस्तानी आतंकी ने अपना ठिकाना बना रखा था। उनके अनुसार, डॉ. गुल के पास काम करने वाला आमिर मागरे भी आतंकी था।
पुलिस द्वारा पेश की गई एसआईटी की रिपोर्ट के मुताबिक डॉ. मुदस्सर गुल को आमिर व बिलाल के आतंकी होने के बारे में पूरा पता था, वह उनके लिए बतौर ओवरग्राउंड वर्कर काम करता था। श्रीनगर के हैदरपोरा में 15 और 16 नवंबर की मध्यरात्रि सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच एक मुठभेड़ हुई थी।
इसमें एक पाकिस्तानी आतंकी समेत चार लोग मारे गए थे। आतंकी के अलावा मारे गए अन्य तीन अन्य आमिर मागरे, डॉ. मुदस्सर गुल और अल्ताफ अहमद की मौत के लिए उनके परिवार वाले और मानवाधिकार को लेकर आवाज उठाने वाले पुलिस को जिम्मेदार ठहरा रहे थे। वे आरोप लगा रहे थे कि इन तीनों को फर्जी मुठभेड़ में मारा गया है, जबकि पुलिस इन आरोपों को नकार रही थी।
फिर मामले को तूल पकड़ते देख पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच के लिए स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम यानी एसआईटी का गठन किया था। इसके अलावा मजिस्ट्रेट जांच के आदेश भी जारी किए गए थे। इस मामले में राजनीतिक बयानबाजी भी खूब की गई थी। जांच के दौरान पिछले दिनों दफनाए गए शव को कब्र से निकाला भी गया था।
अब इस मामले में पुलिस ने दावा किया है कि नई जानकारी सामने आई है कि मुठभेड़ में मारे गए विदेशी आतंकी बिलाल ने अल्ताफ अहमद को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया था। फिलहाल इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच की रिपोर्ट आना बाकी है।