Himachal Pradesh Congress-Bjp: हिमाचल प्रदेश मेंकांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। हिमाचल प्रदेश के छह बागी विधायक-सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, इंदर दत्त लखनपाल, देवेंद्र भुट्टो, राजेंद्र राणा और चैतन्य शर्मा हिमाचल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए। छह कांग्रेस विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने के साथ, 68 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 40 से घटकर 33 रह गई है। सदन में भाजपा के 25 सदस्य हैं। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद रिक्त हुईं छह विधानसभा सीट पर उपचुनाव एक जून को होंगे। धर्मशाला, सुजानपुर, लाहौल एवं स्पीति, बड़सर, गगरेट और कुटलैहड़ में उपचुनाव होंगे। बागी कांग्रेस विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद रिक्त हो गईं।
उन्हें कांग्रेस के एक व्हिप की अवज्ञा करने के बाद विधायक पद से अयोग्य करार दिया गया था। वे केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राजीव बिंदल की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हो गए। इन पूर्व विधायकों का पार्टी में स्वागत करते हुए ठाकुर ने कहा कि उनकी उपस्थिति से भाजपा और मजबूत होगी।
उन्होंने राज्य में कांग्रेस सरकार पर अपने वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया जिससे लोगों के बीच आक्रोश है। ठाकुर ने कहा कि इन नेताओं ने हाल में हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा का समर्थन किया था जो कांग्रेस के खिलाफ ‘‘जन आक्रोश’’ को दर्शाता है। ये सभी कांग्रेस के टिकट पर निर्वाचित हुए थे और उन्हें हिमाचल प्रदेश विधानसभा में उपस्थित रहने तथा कटौती प्रस्ताव व बजट के दौरान राज्य सरकार के पक्ष में मतदान करने के पार्टी के एक व्हिप की अवज्ञा करने के लिए 29 फरवरी को अयोग्य करार दिया गया था।
निर्वाचन आयोग ने इनके निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उपचुनाव की घोषणा की है और वे भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ सकते हैं। तीन निर्दलीय विधायकों - आशीष शर्मा, होशियार सिंह और के एल ठाकुर ने शुक्रवार को अपने इस्तीफे सौंपे। उनके भी जल्द ही भाजपा में शामिल होने की संभावना है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार पिछले महीने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इन नौ विधायकों के समर्थन से राज्य की इकलौती सीट के लिए राज्यसभा चुनाव जीतने के बाद संकट में आ गयी थी। बहरहाल, सुक्खू की सरकार को अभी कोई खतरा नजर नहीं आता है लेकिन भाजपा उपचुनाव में जीत के साथ उनकी सरकार को गिराने की फिराक में है। उपचुनाव में भाजपा की जीत से सत्तारूढ़ पार्टी के खेमे में विधायकों की संख्या में कमी आ सकती है।
हिमाचल प्रदेश में हालिया राज्यसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने वाले तीन निर्दलीय विधायकों ने शुक्रवार को विधानसभा सचिव को अपना इस्तीफा सौंप दिया। निर्दलीय विधायकों में से एक ने संवाददाताओं से कहा कि वे भाजपा में शामिल होंगे और पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे।
तीन निर्दलीय विधायकों आशीष शर्मा (हमीरपुर निर्वाचन क्षेत्र), होशियार सिंह (देहरा) और के.एल. ठाकुर (नालागढ़) ने शुक्रवार को शिमला में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर से मुलाकात की और उसके बाद अपना इस्तीफा सौंप दिया। होशियार सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। भाजपा में शामिल हो गए और पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे।’’
तीनों निर्दलीय विधायकों ने 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा से टिकट मांगा था, लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया और उन्होंने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा। हालांकि, बाद में जब कांग्रेस ने 40 विधायकों के साथ सरकार बनाई तो तीन निर्दलियों ने सरकार का समर्थन किया था।
निर्दलीय विधायकों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू विधायकों और उनके परिवारों को निशाना बना रहे हैं और उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने का आदेश दे रहे हैं। पिछले महीने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के छह बागी विधायकों के साथ तीन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया था।
राज्य की चार लोकसभा सीट हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी और शिमला (एससी) के लिए 56,38,422 मतदाता सातवें चरण में एक जून को अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे जिनमें से 28,79,200 पुरुष, 27,59,187 महिला और 35 लैंगिक रूप से तीसरे वर्ग के हैं। हिमाचल प्रदेश के चुनाव कार्यक्रम के अनुसार, अधिसूचना सात मई को जारी की जाएगी और नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 14 मई है।
नामांकन की जांच के लिए 15 मई की तारीख तय की गई है, जबकि नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 16 मई है. उन्होंने बताया कि नामांकन पत्रों की जांच 15 मई को होगी जबकि नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 16 मई होगी। गर्ग के मुताबिक राज्य में 7,990 मतदान केंद्र हैं, जिनमें से 425 को ‘संवेदनशील’ माना गया है।
राज्य में देश का सबसे ऊंचाई पर स्थित मतदान केंद्र है जो लाहौल और स्पीति के ताशीगांग में 15,256 फुट की ऊंचाई पर है। गर्ग के मुताबिक चंबा जिले के डलहौजी में मनोला मतदान केंद्र पर सबसे अधिक 1,410 मतदाता हैं, जबकि किन्नौर जिले के ‘का’ मतदान केंद्र पर सबसे कम 16 मतदाता पंजीकृत हैं।
उन्होंने बताया कि मतदान दल फतेहपुर के सत कुठेड़ा मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए नाव से 5.5 किलोमीटर की दूरी तय करेगा। कुछ अन्य दलों को बैजनाथ के सुदूरवर्ती बड़ा बंगाल क्षेत्र में हवाई मार्ग से पहुंचाया जाएगा। दोनों स्थान कांगड़ा जिले में हैं।