नई दिल्लीः बिहार विधानसभा चुनाव के साथ देश भर में 6 राज्य और 1 केंद्र शासित प्रदेश में उपचुनाव हुआ था। 8 सीट पर 11 नवंबर को वोट पड़े थे और 14 नवंबर को रिजल्ट घोषित किया गया। बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड, ओडिशा, राजस्थान, मिजोरम, पंजाब, तेलंगाना और केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में चुनाव हुआ था। भाजपा-कांग्रेस ने 2-2 सीट पर कब्जा किया। आम आदमी पार्टी (आप), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), मिजो नेशनल फ्रंट और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भी एक-एक सीट जीती। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विधानसभा उपचुनावों में भाजपा उम्मीदवारों को बधाई दी।
Assembly Bypolls Result Highlights: विधानसभा चुनावों में किसने कहाँ जीत हासिल की-
1. जम्मू और कश्मीर के नगरोटा में भाजपा की देवयानी राणा ने 42,350 मतों के अंतर से जीत हासिल की, जिससे महिला विधायकों की संख्या चार हो गई, जो अब तक की सबसे अधिक संख्या है।
2. राजस्थान के अंता में कांग्रेस के प्रमोद जैन 15,612 मतों के अंतर से विजयी हुए।
3. ओडिशा के नुआपाड़ा में भाजपा के जय ढोलकिया ने 83,748 मतों के अंतर से शानदार जीत हासिल की।
4. जम्मू-कश्मीर के बडगाम में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने जीत हासिल की, जहाँ मुंतज़िर मेहदी ने 21,576 मतों के अंतर से जीत हासिल की, नेशनल कॉन्फ्रेंस को 4,478 मतों के अंतर से हराया।
5. पंजाब के तरनतारन में, आप के हरमीत सिंह संधू ने शिरोमणि अकाली दल की सुखविंदर कौर को 12,091 मतों से हराया।
6. मिजोरम के डंपा में मिजो नेशनल फ्रंट के डॉ. आर लालथंगलियाना ने ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट के वनलालसैलोवा को 562 वोटों के अंतर से हराया।
7. तेलंगाना की जुबली हिल्स सीट पर कांग्रेस के नवीन यादव 24,729 के अंतर से जीते।
8. झारखंड के घाटशिला में झारखंड मुक्ति मोर्चा के सोमेश चंद्र सोरेन ने 1,04,936 वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की।
विभिन्न राज्यों की आठ विधानसभा सीटों में से चार पर उपचुनावों में सत्तारूढ़ दलों को हार का सामना करना पड़ा है, जिनमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राजस्थान की एक सीट और जम्मू-कश्मीर की दो सीट शामिल हैं। इन सीटों पर 11 नवंबर को मतदान हुआ था। राजस्थान में उपचुनाव में कांग्रेस ने भाजपा से एक सीट छीन ली है।
वहीं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस को उसके ही गढ़ बडगाम में पहली बार हार का स्वाद चखाया। भाजपा ने जम्मू-कश्मीर की नगरोटा सीट पर जीत दर्ज की। कांग्रेस उम्मीदवार वी. नवीन यादव ने शुक्रवार को जुबली हिल्स विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीआरएस उम्मीदवार मगंती सुनीता को 24,729 से अधिक मतों के अंतर से हराया।
निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि यादव को 98,988 वोट मिले, जबकि भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) उम्मीदवार को 74,259 वोट मिले। भाजपा उम्मीदवार एल. दीपक रेड्डी की जमानत जब्त हो गई। मिजोरम की मुख्य विपक्षी पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने उपचुनाव में डंपा विधानसभा सीट बरकरार रखी।
निर्वाचन आयोग के अनुसार, मिजोरम में मुख्य विपक्षी दल मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने मामित जिले की डंपा विधानसभा सीट बरकरार रखी और उसके उम्मीदवार आर लालथंगलियाना ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सत्तारूढ़ जोरम पीपुल्स मूवमेंट के वनलालसैलोवा को 562 मतों के अंतर से हराया। लालथंगलियाना को 6,981 वोट मिले जो कुल वोट शेयर का 40.23 प्रतिशत है।
6,419 वोटों के साथ, वनलालसैलोवा ने कुल मतदान के 36.61 प्रतिशत वोट हासिल किये। मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के मौजूदा विधायक लालरिंतलुआंगा साइलो के 21 जुलाई को निधन के बाद डंपा सीट खाली हुई थी। कश्मीर में नगरोटा सीट पर भाजपा उम्मीदवार देवयानी राणा ने जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी (जेकेएनपीपी) के उम्मीदवार हर्ष देव सिंह को हराया।
राणा पूर्व विधायक देवेंद्र सिंह राणा की बेटी हैं, जिनके निधन के कारण उपचुनाव हुआ था। ओडिशा के नुआपाड़ा सीट पर भाजपा के जय ढोलकिया ने कांग्रेस के घासी राम माझी को 83,748 मतों के बड़े अंतर से हराया। जय बीजद के दिवंगत विधायक राजेंद्र ढोलकिया के बेटे हैं, जिनके निधन के कारण उपचुनाव हुआ था।
झारखंड की घाटशिला सीट के उपचुनाव में झामुमो उम्मीदवार सोमेश चंद्र सोरेन ने शुक्रवार को 38,524 मतों के अंतर से जीत हासिल की। एक चुनाव अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि झामुमो उम्मीदवार को 1,04,794 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के बाबू लाल सोरेन को 66,270 वोट मिले। जेएलकेएम उम्मीदवार रामदास मुर्मू 11,542 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।
जम्मू कश्मीर के नगरोटा विधानसभा क्षेत्र से सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उम्मीदवार समेत केंद्र शासित प्रदेश की दो विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में 23 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। उपचुनाव के परिणाम शुक्रवार को घोषित किए गए। जम्मू की नगरोटा विधानसभा सीट पर 10 में से आठ उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।
जमानत ज़ब्त होने वाले उम्मीदवारों में सत्तारूढ़ पार्टी की शमीम बेगम भी शामिल हैं। अगर कोई उम्मीदवार कुल वैध मतों के 16.67 प्रतिशत से अधिक मत प्राप्त करने में असफल रहता है तो उसकी जमानत जब्त हो जाती है। नगरोटा में 73,833 वैध मत पड़े, जबकि बडगाम में 63,099 लोगों ने मतदान किया। कुल पड़े वैध मतों में से 15 प्रतिशत वोट बेगम के पक्ष में थे।
उन्हें 10,872 वोट मिले और वह तीसरे नंबर पर रहीं जबकि विजेता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की देवयानी राणा को 31,478 वोट मिले। उनके अलावा, इस सीट पर हारने वाले अन्य उम्मीदवार एक हजार वोट भी प्राप्त नहीं कर पाए। बडगाम सीट में हुए उपचुनाव के लिए 17 उम्मीदवार मैदान में थे जिसमें से 15 की जमानत जब्त हो गई।
इस सूची में भाजपा उम्मीदवार आगा सैयद मोहसिन मोसवी का नाम भी शामिल है, जिन्हें केवल 2,619 वोट मिले। इन दोनों सीट पर 11 उम्मीदवार नोटा (इनमें से कोई नहीं) से भी पीछे रहे। बडगाम में 544 लोगों ने नोटा का बटन दबाया जबकि नगरोटा में 349 लोगों ने नोटा का विकल्प चुना।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने शुक्रवार को कहा कि जुबली हिल्स उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी की जीत ने लोगों के प्रति राज्य सरकार की जिम्मेदारी को बढ़ा दिया है। साथ ही उन्होंने केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी और बीआरएस नेता केटी रामाराव पर सरकार की विकास पहल में बाधा डालने का आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि किशन रेड्डी ने केंद्र के पास लंबित परियोजनाओं को मंजूरी देने और धन जारी करने में "असहयोग" की नीति अपनाई है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री के साथ-साथ बीआरएस नेताओं रामाराव और टी हरीश राव को अपना रवैया बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने (जुबली हिल्स में) 51 प्रतिशत वोट हासिल करके अभूतपूर्व जनसमर्थन हासिल किया।
कांग्रेस को लगभग 51 प्रतिशत वोट मिले, मुख्य विपक्षी दल बीआरएस को 38 प्रतिशत और भाजपा को आठ प्रतिशत वोट मिले। लोगों ने पिछले दो वर्षों तक अवलोकन किया और यह फैसला दिया। इसलिए, हम यह जिम्मेदारी लेते हैं।" उन्होंने कहा कि राज्य का 60-65 प्रतिशत राजस्व हैदराबाद से आता है।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार शहर के विकास, नागरिक सुविधाओं में सुधार और रोजगार तथा आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं बनाएगी। उन्होंने उपचुनाव में कांग्रेस का समर्थन करने के लिए लोगों का धन्यवाद किया। रेवंत रेड्डी ने जुबली हिल्स उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार का समर्थन करने के लिए एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और उनके छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी का भी आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री के अनुसार, बीआरएस ने मूसी रिवरफ्रंट के पुनर्विकास सहित सरकार की पहल में बाधा डालने की कोशिश की है।
जबकि किशन रेड्डी ने केंद्र से धन और अनुमोदन प्राप्त करने में "असहयोग" दृष्टिकोण अपनाया है। मुख्यमंत्री ने कहा, "चाहे मेट्रो (रेल विस्तार) हो, मूसी (पुनर्विकास), गोदावरी जल की शहर में आपूर्ति हो या क्षेत्रीय रिंग रोड, किशन रेड्डी का रवैया पूरी तरह से असहयोगात्मक है।" उन्होंने कहा कि यद्यपि किशन रेड्डी ने जुबली हिल्स में व्यापक प्रचार किया।
लेकिन भाजपा उम्मीदवार को केवल 17,000 वोट मिले, जबकि केंद्रीय मंत्री को लोकसभा चुनाव में सिकंदराबाद से जीतते समय इस विधानसभा क्षेत्र में 65,000 वोट मिले थे। उन्होंने दावा किया कि किशन रेड्डी को अपनी कार्यशैली बदलने की जरूरत है, जबकि रामाराव और हरीश राव को क्रमशः अपने ‘‘अहंकार और ईर्ष्या’’ को कम करने की जरूरत है।
तेलंगाना में जुबली हिल्स विधानसभा उपचुनाव में जीत मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी के लिए काफी उत्साहवर्धक है। रेड्डी ने इस उपचुनाव को पार्टी के लिए प्रतिष्ठा प्रश्न बना लिया था। इस जीत के साथ 119 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस की सीटों की संख्या 66 हो गई है। पिछले दो वर्षों में यह दूसरा उपचुनाव है जिसमें पार्टी ने जीत हासिल की है। बीआरएस की हार से पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल और गिर सकता है।