नई दिल्ली: हरियाणा सरकार ने नासा की तस्वीर साझा करते हुए कहा कि दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के लिए पंजाब दोषी है। पराली जलाने की कुछ तस्वीरें नासा ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर साझा की थी। ये सभी 25 से 26 अक्टूबर के बीच की है, जिसमें ये पता चल रहा है कि पराली हरियाणा और पंजाब में इतनी मात्रा में जलाई गई है। लेकिन, यह दावा पूरी तरह से हरियाणा सरकार की ओर से किया जा रहा है।
हरियाणा सरकार की ओर से मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के ओएसडी जवाहर यादव ने इस पर टिप्पणी की और कहा, नासा के डेटा पर अरविंद केजरीवाल की चु्प्पी संदेह पैदा करती है। उन्होंने आरोप लगाया है कि भारतीय एजेंसियां प्रदूषण पर डेटा नहीं दे रही हैं। अब उन्हें इसकी आवश्यकता क्यों है? पंजाब सरकार विफल रही है, और अरविंद केजरीवाल का चेहरा जनता के सामने बेनकाब हो गया है।
हरियाणा सरकार ने तस्वीरें जारी कीं, उनका दावा है कि ये तस्वीरें नासा की हैं, जिनमें 25 और 26 अक्टूबर को हरियाणा की तुलना में पंजाब में पराली जलाने की दोगुनी से अधिक घटनाएं दिखाई दे रही हैं।
इस पूरे मामले पर पंजाब सरकार ने कहा कि पराली जलाने की घटना 5798 से करीब 2704 हो गई है। इसके आंकड़ें देते हुए कहा कि यह 15 सितंबर 2023 से 25 अक्टूबर 2023 तक का है, जिसमें 53 फीसदी की कमी आई है। यह पिछले साल यानी 2022 की इसी अवधि में कई गुना ज्यादा था, लेकिन अब कमी आई है।
इसके साथ ही पंजाब सरकार ने बताया कि मशीनों का समय पर वितरण, बेकार पड़ी मशीनों का उपयोग, विभिन्न उद्योगों में पराली का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के प्रयास, विभिन्न निवारक प्रयास, इन-सीटू और एक्स-सीटू तरीकों को बढ़ावा देने के लिए अभियान और किसानों से अपील आदि ने महत्वपूर्ण प्रयास दिखाए और सभी के लिए बेहतर वायु गुणवत्ता सुनिश्चित की गई है।