गांधीनगर:गुजरात के नरोदा गाम नरसंहार मामले में आज अहमदाबाद की एक विशेष अदालत फैसला सुना सकती है। विशेष न्यायाधीश एसके बक्शी की अदालत 68 आरोपियों के खिलाफ फैसला सुनाएगी।
इन आरोपियों में भारतीय जनता पार्टी की विधायक माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी समेत अन्य आरोपी शामिल है, जिन्होंने साल 2002 के गोधरा कांड के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के 11 लोगों की बेरहमी से हत्या की थी।
गौरतलब है कि 28 फरवरी, 2002 को अहमदाबाद शहर के नरोदा गाम इलाके में सांप्रदायिक हिंसा में करीब ग्यारह लोग मारे गए थे।
इस दौरान 'बंद' का ऐलान किया गया था क्योंकि एक दिन पहले गोधरा ट्रेन जलाने के कारण 58 यात्री इसमें मारे गए थे जिसके विरोध में ये बंद था। ये सभी यात्रियों में ज्यादातर कारसेवक अयोध्या से लौट रहे थे।
इसमें कोडनानी के साथ, अन्य प्रमुख आरोपी बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी और विश्व हिंदू परिषद के नेता जयदीप पटेल हैं।
इससे पहले जस्टिस एसके बक्शी की अदालत ने 16 अप्रैल को मामले में फैसले की तारीख 20 अप्रैल तय की थी और आरोपियों को अदालत में पेश होने का निर्देश भी दिया था।
गौरतलब है कि मामले के सभी आरोपी फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। मामले के कुल 86 अभियुक्तों में से 18 की बीच की अवधि में मृत्यु हो गई। मुकदमे के दौरान लगभग 182 अभियोजन पक्ष के गवाहों की जांच की गई।
67 वर्षीय पूर्व बीजेपी नेता कोडनानी पर नरोदा गाम मामले में दंगा और हत्या के अलावा आपराधिक साजिश और हत्या के प्रयास का भी आरोप लगाया गया है। इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह सितंबर 2017 में कोडनानी के बचाव पक्ष के गवाह के रूप में पेश हुए थे।
गुजरात के नरोद गाम मामले में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 307, 143, 147, 148 और 120बी के तहत मुकदमा चल रहा है।