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कोरोना पाबंदियों के बीच अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शुरू, 19 किलोमीटर के रास्ते पर कर्फ्यू

By भाषा | Updated: July 12, 2021 10:05 IST

अहमदाबाद में पारंपरिक भगवान जगन्नाथ की 144वीं रथयात्रा सोमवार सुबह शुरू हो गई। इस बार कोरोना संकट को देखते हुए कई पाबंदियां लगाई गई हैं।

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ठळक मुद्देअहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की 144वीं रथयात्रा सुबह 7 बजे हुई शुरूइस साल की यात्रा में केवल तीन रथ और कुछ गाड़ियां शामिल हैं, यात्रा मार्ग पर लगाया गया है कर्फ्यूमूर्तियों को रथों पर रखने से पहले गृह मंत्री अमित शाह ने किया मंदिर में दर्शन

अहमदाबादगुजरात के अहमदाबाद शहर में भगवान जगन्नाथ की 144वीं रथयात्रा सोमवार सुबह शुरू हो गयी। हालांकि कोविड-19 के मद्देनजर लोगों को इसमें भाग लेने से रोकने के लिए यात्रा के मार्ग में लगाए गए कर्फ्यू के कारण इस बार की रथयात्रा को लेकर उत्सव की उमंग और भीड़ नदारद है।

लगभग 100 ट्रकों, हाथियों, अखाड़ों और गायन मंडलियों के सामान्य काफिले के बजाय इस साल की यात्रा में केवल तीन रथ शामिल हैं, जिन्हें खलासी समुदाय के लगभग 100 युवा खींच रहे हैं। इसके अलावा चार से पांच अन्य वाहन शामिल हैं।

राज्य के गृह मंत्री प्रदीपसिंह जडेजा ने पत्रकारों को बताया कि देवी-देवताओं के दर्शन की खातिर सड़कों पर लोगों की भीड़ जुटने से रोकने के लिए रथयात्रा के पूरे 19 किलोमीटर के मार्ग पर सुबह से दोपहर तक कर्फ्यू लगा दिया गया है।

400 साल पुराने जगन्नाथ मंदिर से शुरू हुई यात्रा

भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथों की यात्रा यहां जमालपुर क्षेत्र में स्थित 400 साल पुराने जगन्नाथ मंदिर से सुबह करीब सात बजे गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल द्वारा ‘पाहिंद विधि’ संपन्न करने के साथ शुरू हुई।

यह विधि ‘‘रथों’’ का रास्ता साफ करने की प्रतीकात्मक रस्म है। देवी-देवताओं की मूर्तियों को रथों पर रखने से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुबह लगभग चार बजे मंदिर में दर्शन किया और ‘मंगला आरती’ में भाग लिया।

शहर पुलिस के अनुसार, रथ यात्रा कुछ सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों से भी गुजरती है इसलिए किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए मार्ग पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की नौ कंपनियों सहित लगभग 23,000 सशस्त्र कर्मियों को तैनात किया गया है।

हर साल रथयात्रा लगभग 12 घंटे में 19 किमी की दूरी तय कर भगवान जगन्नाथ मंदिर वापस पहुंचती है, जिसमें सरसपुर में एक घंटे का भोजन अवकाश भी शामिल है। हालांकि इस बार अधिकारियों ने सुनिश्चित किया है कि सरसपुर में बड़ी भीड़ जमा नहीं हो।

टॅग्स :गुजरातअहमदाबादजगन्नाथ पुरी रथ यात्राविजय रुपानी
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