'पांच राज्यों में फैला गौरी लंकेश की हत्या में शामिल गैंग का नेटवर्क, 60 सदस्य हैं शामिल'
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: June 16, 2018 07:57 AM2018-06-16T07:57:42+5:302018-06-16T08:05:15+5:30
वाघमारे गौरी लंकेश की हत्या के संबंध में गिरफ्तार किए गए छह संदिग्धों में से एक है। एसआईटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी कहा कि गौरी और तर्कवादी एवं अंधविश्वास विरोधी गोविंद पंसारे तथा एम एम कलबुर्गी को गोली मारने के लिए एक ही हथियार का इस्तेमाल किया गया।
बेंगलुरु, 16 जून: पत्रकार एवं कार्यकर्ता गौरी लंकेश की हत्या में शामिल गिरोह का नेटवर्क कम से कम पांच राज्यों में फैला है और उसके कम से कम 60 सदस्य हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आज यह जानकारी दी। इसी बीच सनसनीखेज हत्याकांड की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) के अधिकारी ने दावा किया कि परशुराम वाघमारे ने गौरी की हत्या को अंजाम दिया था।
संगठित गिरोह का कोई नाम नहीं
वाघमारे गौरी लंकेश की हत्या के संबंध में गिरफ्तार किए गए छह संदिग्धों में से एक है। एसआईटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी कहा कि गौरी और तर्कवादी एवं अंधविश्वास विरोधी गोविंद पंसारे तथा एम एम कलबुर्गी को गोली मारने के लिए एक ही हथियार का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा कि संगठित गिरोह ने अपने भूमिगत संगठन को कोई एक नाम नहीं दिया है।
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60 सदस्यों का है संगठन
अधिकारी ने बताया कि हिंदू दक्षिणपंथी समूहों के लोगों को शामिल कर बनाए गए इस संगठन में 60 सदस्य हैं जो कम से कम पांच राज्यों में फैले हुए हैं, लेकिन इस संगठन का कोई नाम नहीं है। अधिकारी ने कहा, 'हमें मालूम हुआ है कि इस गिरोह का मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक में नेटवर्क है।' उन्होंने कहा कि भले ही इस गिरोह ने महाराष्ट्र के हिंदू जागृति समिति और सनातन संस्था जैसे कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी संगठनों के लोगों को भर्ती किया लेकिन ऐसा जरूरी नहीं कि ये संस्थाएं सीधे तौर पर हत्या में शामिल हों। दोनों ही संगठनों ने इन तीनों की हत्या में किसी तरह की भूमिका से इंकार किया है।
इस गिरोह का ऐसे किया गया भंडाफोड़
अधिकारी ने बताया कि सुजीत कुमार उर्फ प्रवीण गिरोह के लिए लोगों की भर्ती करता था और उसी से पूछताछ के दौरान इस नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ। वाघमारे ने गौरी को गोली मारी और फॉरेंसिक जांच से पुष्टि होती है कि (तर्कवादी) गोविंद पंसारे, एम एम कलबुर्गी और गौरी की हत्या एक ही हथियार से की गई।
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वाघमारे के परिजनों ने किया संलिप्तता से इनकार
अधिकारी ने कहा कि हथियार का अभी पता नहीं लगाया जा सका है। फॉरेंसिक जांच से इस नतीजे पर तब पहुंचा जाता है जब बंदूक के ट्रिगर से गोली के पिछले हिस्से पर एक ही तरह का निशान बना हुआ मिलता है फिर चाहे बंदूक की बरामदगी हो या न हो। वाघमारे के परिवार ने अपराध में उसकी संलिप्तता से इनकार किया है। पुलिस को हत्या में कम से कम तीन और लोगों के शामिल होने का संदेह है और उनकी तलाश की जा रही है।
गिरोह बड़ी सतर्कता से अपने कार्यों को देता था अंजाम
अधिकारी ने बताया कि यह गिरोह बड़ी सतर्कता से अपने कार्यों को अंजाम देने से पहले उसकी योजना बनाता था। यह गिरोह जासूसी करना, निशाने पर लिए लोगों की कमजोरियां पहचानना और उनकी हत्या करने में छह महीने से साल भर तक का समय लेता था। यह गिरोह (कन्नड़ लेखक) प्रोफेसर एस भगवान की हत्या के लगभग अंतिम चरण में था जब हमने इन्हें धर दबोचा। कर्नाटक पुलिस ने हाल ही में भगवान की हत्या की साजिश का खुलासा किया था और गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों से पूछताछ के दौरान ही गौरी लंकेश की हत्या में इनकी संलिप्तता का संदेह हुआ।
(खबर इनपुट-भाषा)
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