सच्चे प्रजातंत्र में नीचे से नीचे और ऊंचे से ऊंचे आदमी को समान अवसर मिलने चाहिए। प्रजातंत्र के इसी संकल्प लेकर भारत ने आजादी के 72 वर्षों की यात्रा पूरी कर ली है। ऐसे विचारों से सींचने वाले महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर को हुआ था। पूरे देश में इस दिन को गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है।
गांधी जयंती के अवसर पर स्कूल, कॉलेज और कार्यालयों में तमाम कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। लोग महात्मा गांधी को याद करते हुए देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत होते हैं। गांधी जी की सादगी और उनके दिखाए कर्तव्य मार्ग का जिक्र होता है। ऐसे में पढ़िए महात्मा गांधी के 10 अनमोल विचार जिनमें छुपा है सार्थक जीवन का राज।
महात्मा गांधी अपना जीवन सत्य का प्रयोग मानते हैं। सत्य और अहिंसा की प्रतिमूर्ति महात्मा गांधी के जन्मदिन को पूरी दुनिया अहिंसा दिवस के रूप में मनाती है। 15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र सामान्य सभा द्वारा 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्ररीय अहिंसा दिवस के रुप में घोषित किया गया है।
आज प्रतीत होता है कि हम उनके बताए मार्ग से विमुख होते जा रहे हैं ऐसे में गांधी जयंती से आयोजन बहुत जरूरी हो जाते हैं। इससे लोगों को उस महान शख्सियत के बारे में और उनके विचारों के बारे में पता चल सके।
गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के छोटे से शहर पोरबंदर में हुआ था जबकि उन्होंने अपने पूरे जीवनभर बड़े-बड़े कार्य किये। वह एक वकील थे और उन्होंने अपनी कानून की डिग्री इंग्लैंड से ली और वकालत दक्षिण अफ्रीका में किया।
“सच के साथ प्रयोग” के नाम से अपनी जीवनी में उन्होंने स्वतंत्रता के अपने पूरे इतिहास को बताया है। जब तक की आजादी मिल नहीं गयी वह अपने पूरे जीवन भर भारत की स्वतंत्रता के लिये अंग्रेजी शासन के खिलाफ पूरे धैर्य और हिम्मत के साथ लड़ते रहे।