लाइव न्यूज़ :

FlashBack 2019: जल संकट, DMK की चुनावी सफलता जैसी घटनाक्रमों से भरा रहा तमिलनाडु का ये साल

By भाषा | Updated: December 30, 2019 14:11 IST

पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की मौत के बाद अन्नाद्रमुक को पहली बार लोकसभा में इस तरह की हार का सामना करना पड़ा। 2011 से सत्ता में रहनेवाली पार्टी ने तब से जयललिता के नेतृत्व में एक भी चुनाव में हार का स्वाद नहीं चखा था लेकिन 2019 अन्नाद्रमुक के लिए नई कहानी लेकर आया।

Open in App
ठळक मुद्देतमिलनाडु के लिए 2019 कई तरह के घटनाक्रमों से भरा रहापूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की मौत के बाद अन्नाद्रमुक को पहली बार लोकसभा में इस तरह की हार का सामना करना पड़ा।

तमिलनाडु के लिए 2019 कई तरह के घटनाक्रमों से भरा रहा, चाहे वह चेन्नई का जल संकट हो या फिर लोकसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक की करारी हार। लंबे समय से सुपरस्टार रजनीकांत की राजनीति में प्रवेश करने की प्रतीक्षा कर रहे उनके प्रशंसकों की उम्मीद इस साल भी पूरी नहीं हुई।

चुनावी राजनीति में पिछले आठ साल में पहली बार 2019 में अन्नाद्रमुक को अपने चिर प्रतिद्वंद्वी द्रमुक के हाथों अप्रैल में आयोजित लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा। अन्नाद्रमुक को यह बड़ा झटका ऐसे समय में लगा जब राज्य में विधानसभा चुनाव होने में सिर्फ दो साल का समय बाकी है।

पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की मौत के बाद अन्नाद्रमुक को पहली बार लोकसभा में इस तरह की हार का सामना करना पड़ा। 2011 से सत्ता में रहनेवाली पार्टी ने तब से जयललिता के नेतृत्व में एक भी चुनाव में हार का स्वाद नहीं चखा था लेकिन 2019 अन्नाद्रमुक के लिए नई कहानी लेकर आया।

वर्ष 2019 तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई और उसके आस-पास के इलाकों में पानी के संकट के लिए भी लोगों के जेहन में बना रहेगा। इस साल यहां की झीलें सूख गईं और भूजल स्तर काफी नीचे चला गया जिससे आम लोगों को पानी की भयानक किल्लत का सामना करना पड़ा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी यह मुद्दा उठा और हॉलीवड सुपरस्टार लियोनार्डो डी कैप्रियो ने भी इस पर चिंता जाहिर की थी।

वहीं तिरुचिपल्ली में बोरवेल में गिरे दो साल के बच्चे को तमाम उपायों के बावजूद भी जीवित बाहर नहीं निकाला जा सका। बच्चे को बाहर निकालने के लिए 80 घंटे तक अभियान चला लेकिन सब व्यर्थ रहा। 2016 में विधानसभा चुनाव में द्रमुक की हार के बाद पार्टी अध्यक्ष एम के स्टालिन पर सबकी निगाहें थी और 2019 उनके लिए एक सफल वर्ष कहा जा सकता है क्योंकि पार्टी उनके नेतृत्व में लोकसभा चुनाव में तमिलनाडु की 39 में से 38 सीटों पर जीत हासिल करने में सफल रही। इसके अलावा एक सीट उन्हें पुडुचेरी में भी मिली।

स्टालिन ने इस साल खुद को एक मजबूत क्षेत्रीय नेता के रूप में भी स्थापित करने की कोशिश की चाहे वह संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का विरोध हो या फिर गैर हिंदी भाषी प्रदेशों में कथित तौर पर हिंदी को थोपने की केंद्र की कोशिश। केंद्र सरकार के खिलाफ मुखर रहकर उन्होंने खुद को एक बड़े नेता के रूप में साबित करने की कोशिश की।

अभिनेता से नेता बने कमल हासन ने 2018 में अपनी पार्टी मक्कल निधि मैय्यम बनाई थी । 2019 में उनकी पार्टी चुनावी राजनीति में आई और लोकसभा चुनाव में वोट प्रतिशत भी अच्छा हासिल किया।

वहीं सुपरस्टार रजनीकांत की राजनीतिक पारी को लेकर अब भी उनके प्रशंसकों की प्रतीक्षा जारी है। इस साल तमिलनाडु में पर्यावरण संबंधी एक बड़ा फैसला लिया गया। पालानीस्वामी सरकार ने पर्यावरण कारणों का हवाला देते हुए एकल इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध लागू कर दिया। 

टॅग्स :फ्लैश बैक 2019कर्नाटक
Open in App

संबंधित खबरें

क्राइम अलर्टKarnataka: बेलगावी में स्कूली छात्रा के साथ दुष्कर्म, 2 आरोपी गिरफ्तार

भारतKarnataka Politics: एक बार फिर ब्रेकफास्ट टेबल पर सिद्धारमैया-शिवकुमार, डिप्टी सीएम के घर पहुंचे CM सिद्धारमैया

क्रिकेटटीम इंडिया से बाहर, 10 चौका, 8 छक्का, 50 गेंद और नाबाद 113 रन?, त्रिपुरा बॉलर पर टूटे इशान किशन

क्रिकेटकर्नाटक राज्य क्रिकेट संघः क्या फिर से बाजी मार पाएंगे पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद?, केएससीए चुनाव में केएन शांत कुमार दे रहे टक्कर

भारतनाश्ते में इडली और वड़ा के साथ ही सत्ता की खींचतान कम?, आखिर कैसे 60 दिन बाद सीएम सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री शिवकुमार फिर से एकजुट?, जानें कहानी

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई