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कोविड वैक्सीन की पहली खुराक 8,390 दिव्यांग लोगों को दी गई : मंत्री

By भाषा | Updated: November 30, 2021 19:13 IST

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नयी दिल्ली, 30 नवंबर कोविन पोर्टल के अनुसार, 28 नवंबर तक कुल 8,390 दिव्यांग लोगों को कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक और 4,018 ऐसे लोगों को दोनों खुराक दी जा चुकी थी। स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने मंगलवार को राज्यसभा को यह जानकारी दी।

उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि 27 नवंबर, 2021 को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, कोविड-19 के कारण होने वाली मौतों की संख्या (विकलांग लोगों सहित) 4,67,933 है।

उन्होंने कहा, भारत सरकार 18 वर्ष और उससे अधिक आयु की वयस्क आबादी के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पर्याप्त मात्रा में मुफ्त कोविड टीके उपलब्ध करा रही है।

कई राज्य सरकारों ने दूसरी लहर के दौरान कोविड के कारण हुई मौतों की वास्विकता से कम मामलों की सूचना देने के संदर्भ में पूछे गये एक अन्य प्रश्न के बारे में पवार ने कहा कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मौतों की सूचना देने के लिए विस्तृत दिशानिर्देश मंत्रालय द्वारा जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वे सभी इसी के अनुउरूप मामलों और मौतों की रिपोर्ट करते हैं।

राज्यों को नियमित रूप से मृत्यु के कारणों का पता लगाने और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के उपाय करने के लिए मृत्यु अंकेक्षण करने की सलाह दी गई है।

एक अन्य प्रश्न, कि क्या सरकार ने मरने वाले कोविड ​​​​-19 रोगियों के परिवारों में से प्रत्येक को चार लाख रुपये का अनुग्रह मुआवजा प्रदान किया है, पवार ने कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के माध्यम से कोविड-19 के कारण मरने वाले के परिजनों को अनुग्रह सहायता देने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।

उन्होंने कहा कि एनडीएमए ने प्रति मृतक व्यक्ति के साथ ही महामारी के राहत कार्य में लगे लोगों को 50,000 रुपये की राशि की सिफारिश की है, बशर्ते कि मृत्यु का कारण कोविड​​​​-19 के रूप में प्रमाणित हो। राज्य की ओर से राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष से अनुग्रह सहायता प्रदान की जाएगी।

मंत्री ने कहा कि इसके अलावा, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 50 लाख रुपये का जीवन बीमा कवर स्वास्थ्य पेशेवरों को प्रदान किया जा रहा है। इसमें फ्रंटलाइन कार्यकर्ता और ‘आशा कार्यकर्ता’ शामिल हैं, जो देश भर में कोविड-19 प्रबंधन में शामिल हैं।

कोविड महामारी के कारण अपने माता-पिता दोनों को खो चुके बच्चों के लिए व्यापक सहायता प्रदान करने के लिए, पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत महिला और बाल विकास मंत्रालय स्वास्थ्य बीमा कवच प्रदान करता है। ऐसे बच्चों को शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाता है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाता है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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