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सेवानिवृत्त अधिकारियों को संवेदनशील जानकारी के प्रकाशन से रोकने संबंधी नियमों में विस्तार

By भाषा | Updated: June 2, 2021 22:22 IST

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नयी दिल्ली, दो जून केंद्र सरकार ने खुफिया और सुरक्षा संबंधी संस्थानों में काम कर चुके सेवानिवृत्त अधिकारियों को संवेदनशील जानकारी प्रकाशित करने से रोकने संबंधी अपने नियमों में संशोधन कर नए उपनियम शामिल किए हैं।

इनमें यह शर्त भी शामिल है कि अधिकारी ‘‘संस्थान के कार्य क्षेत्र’’ या किसी कर्मचारी संबंधी कोई सामग्री साझा नहीं कर सकते।

दिनांक 31 मई के केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) संशोधन नियम, 2021 को मंगलवार देर रात अधिसूचित किया गया।

इन नियमों में कहा गया है कि सेवानिवृत्त कर्मियों को इस प्रकार की सामग्री प्रकाशित करने के लिए ‘‘संस्थान प्रमुख’’ से पूर्व अनुमति लेनी होगी। इससे पहले, 2007 के नियमों के अनुसार, विभाग प्रमुख से अनुमति लेनी होती थी।

संशोधन में कहा गया है, ‘‘सभी कर्मियों को संस्थान प्रमुख को वचन देना होगा कि वे इस प्रकार की सूचना प्रकाशित नहीं करेंगे और ऐसा न करने पर उनकी पेंशन रोक ली जाएगी या वापस ले ली जाएगी।’’

इन नियमों के दायरे में गुप्तचर ब्यूरो, अनुसंधान एवं विश्लेषण विंग (रॉ), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), विशेष रक्षा समूह (एसपीजी) सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) सहित 25 संस्थान आते हैं।

मार्च 2008 में अधिसूचित केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) संशोधन नियम 2007 के अनुसार, इस प्रकार से सभी कर्मचारियों के लिए ऐसी कोई भी संवेदनशील जानकारी प्रकाशित करना पहले से ही प्रतिबंधित है, ‘‘जिसका खुलासा करने से भारत की संप्रभुता एवं अखंडता को नुकसान पहुंचता हो।’’

संशोधित प्रावधान में अब कहा गया है, ‘‘किसी खुफिया या सुरक्षा संबंधी संस्थान में काम कर चुका कोई भी अधिकारी संगठन प्रमुख की पूर्व अनुमति के बिना सेवानिवृत्ति के बाद संगठन के कार्य क्षेत्र संबंधी कोई सामग्री प्रकाशित नहीं करेगा, वह किसी कर्मचारी या उसके पद के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं करेगा और संस्थान में काम के दौरान प्राप्त ज्ञान या विशेषज्ञता को साझा नहीं करेगा।’’

इससे पहले 2007 के नियमों में संस्थान के कार्य क्षेत्र और किसी कर्मी संबंधी जानकारी का जिक्र नहीं था।

इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, ‘‘कार्य क्षेत्र का अर्थ किसी संस्थान के कामकाज के मुख्य क्षेत्र या मुख्य क्षेत्रों से हो सकता है।’’

संशोधित नियमानुसार संगठन प्रमुख फैसला करेगा कि प्रस्तावित सामग्री संवेदनशील है या नहीं और वह संस्थान के कार्य क्षेत्र में आती है या नहीं।

वर्ष 2007 नियमों के तहत कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति के बाद ऐसी संवेदनशील जानकारी प्रकाशित करना प्रतिबंधित था, ‘‘जिसके खुलासा होने से भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, रणनीतिक, वैज्ञानिक या आर्थिक हितों, या किसी अन्य देश के साथ संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है या किसी अपराध को उकसाया जा सकता है।’’

ये नियम उन कर्मचारियों पर लागू होते हैं जो गुप्तचर ब्यूरो (आईबी), अनुसंधान एवं विश्लेषण विंग (रॉ), राजस्व खुफिया निदेशालय, केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, विमानन अनुसंधान केंद्र, सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस आदि से सेवानिवृत्त हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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