कड़ों आईएएस अधिकारियों द्वारा अपनी अचल प्रॉपर्टी के रिटर्न्स (आईपीआर) का खुलासा नहीं करने से नाराज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब उनके खिलाफ 'अनुशासनात्मक और अन्य कड़ी कार्रवाई' की चेतावनी दी है. आईपीआर दाखिल करने के लिए अंतिम तिथि 31 जनवरी 2020 तय की गई है. इस मामले में कानूनी और दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है.
डीओपीटी के सचिव डॉ. सी. चंद्रमौली ने 21 नवंबर 2019 को भारत सरकार के सभी सचिवों और राज्यों के मुख्य सचिवों को खत लिखकर सूचित किया है कि बड़े पैमाने पर आईएएस अधिकारियों ने अपने प्रॉपर्टी रिटर्न्स दाखिल नहीं किए हैं. यह है नियम एआईएस (आचरण) नियम 1968 के नियम 16 (2) के तहत सेवा के हर अधिकारी को सरकार द्वारा तय प्रारुप में अचल संपत्ति, स्वयं की या विरासत में मिली या लीज या मॉर्टगेज पर हो तो रिटर्न्स दाखिल करना अनिवार्य है. फिर चाहे वह खुद के नाम पर हो, परिवार के किसी सदस्य के नाम पर हो या किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर.
1500 अफसर घेरे में
प्राप्त जानकारी के मुताबिक वर्ष 2017 में देशभर में मौजूद 6500 आईएएस अधिकारियों में से 1500 अधिकारियों ने आईपीआर का खुलासा नहीं किया था. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति रिजर्व के आईएएस अधिकारियों की संख्या 507 है जबकि अधिकृत संख्या 1381 है.