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Exclusive Interview: रविशंकर प्रसाद बोले- एनआरसी होगा लेकिन संवैधानिक तरीके से, सभी दलों से बात करके

By संतोष ठाकुर | Updated: January 3, 2020 10:51 IST

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि एनआरसी हमारे संकल्प पत्र में है. यह किया जाएगा. लेकिन यह सभी दलों से चर्चा के बाद संवैधानिक तरीके से किया जाएगा. पूर्णत: कानूनी प्रक्रिया के अंतर्गत किया जाएगा. लोकमत समाचार से खास बातचीत में कानून मंत्री ने कई सवालों के जवाब दिए।

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ठळक मुद्देदेश के मुस्लिमों को किसी के बयान से भ्रमित होने की जरूरत नहीं है. कुछ लोग राजनैतिक स्वार्थ की वजह से अनावश्यक भय का माहौल बना रहे हैं.

कानून मंत्री और नागरिकता कानून पर सरकार के सबसे प्रमुख वक्ता रविशंकर प्रसाद ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हो रहे हंगामा को बेवजह करार देते हुए कहा है कि देश के मुस्लिमों को किसी के बयान से भ्रमित होने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि एनआरसी हमारे संकल्प पत्र में है. यह किया जाएगा. लेकिन यह सभी दलों से चर्चा के बाद संवैधानिक तरीके से किया जाएगा. पूर्णत: कानूनी प्रक्रिया के अंतर्गत किया जाएगा. लोकमत समाचार से खास बातचीत में कानून मंत्री ने कई सवालों के जवाब दिए.

नागरिकता संशोधन कानून पर इतना हंगामा है. कहा जा रहा है कि इसके बाद एनआरसी लाया जाएगा?

नागरिकता कानून पर अनावश्यक हंगामा है. यह नागरिकता लेने का नहीं बल्कि देने का कानून है. कुछ लोग राजनैतिक स्वार्थ की वजह से अनावश्यक भय का माहौल बना रहे हैं. जहां तक एनआरसी का सवाल है, वह लाया जाएगा. लेकिन सभी दलों से चर्चा करके संवैधानिक तरीके से. फिलहाल इस पर कोई पहल नहीं है.

आप कह रहे हैं कि फिलहाल इस पर कोई पहल नहीं है. लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हम इसे लाएंगे. प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है. यह क्या भ्रम की स्थिति नहीं है?

कोई भ्रम की स्थिति नहीं है. केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हम इसे लागू करेंगे. एक इरादा व्यक्त करना और उसकी शुरूआत करना दो अलग बात हैं. इसमें अंतर समझना होगा. हम इससे इनकार नहीं कर रहे हैं कि एनआरसी नहीं लाएंगे. लेकिन फिलहाल इस पर सरकार के अंदर कोई चर्चा नहीं हुई है. प्रधानमंत्री ने भी यही कहा है कि इस पर फिलहाल कोई पहल नहीं है. इसमें भ्रम कहां है.

एनपीआर के सहारे एनआरसी करने का आरोप भी विपक्षी दल लगा रहे हैं. आपने भी कहा था कि एनपीआर का डाटा एनआरसी के लिए उपयोग किया जाएगा?

एनपीआर को लेकर आप पहले यह समझने का प्रयास करें कि इसकी एक प्रक्रिया है. इसकी अधिसूचना होगी. उसके बाद समय सीमा निश्चित की जाएगी. इसके नियम बनेंगे. इसकी संवैधानिक प्रक्रिया है. हम जब भी यह करेंगे तो संवैधानिक तरीके से करेंगे. जब एक ही तरह के डाटा की जरूरत होगी तो एनपीआर का कुछ डाटा हम एनआरसी में भी प्रयोग कर सकते हैं.

आप जब एनपीआर पर इतने स्पष्ट हैं तो स्वयं आपके एनडीए सहयोगी दल जदयू, असम गण परिषद और शिरोमणि अकाली दल भी इस मुद्दे पर आपके खिलाफ क्यों हैं?

एनडीए के अंदर कोई नाराजगी नहीं है. बयान कौन दे रहा है, वह देखना चाहिए. अगर उनके कुछ सवाल हैं तो हम जवाब देंगे. हम सब कुछ ठीक कर लेंगे और सब कुछ ठीक भी है.

आपके ही कुछ सहयोगी दलों ने कहा है कि मुसलमानों को भी नागरिकता दी जाए?

मुसलमानों को भी नागरिकता दी जाती रही है. आगे भी दी जाएगी. इसके लिए नियम है. यह अनावश्यक बहस की जा रही है कि उन्हें नागरिकता नहीं दी जाती है. अदनान सामी को क्या नागरिकता नहीं मिली है.

आप नागरिकता कानून कैसे लागू करेंगे जब राज्य खुले आम इसका विरोध कर रहे हैं?

संविधान के अनुच्छेद 256, 7वीं सूची के वर्ग ए और धारा 245 कुछ ऐसे कानूनी बिंदु हैं जो राज्यों के झूठ का पर्दाफाश करते हैं और यह बताते हैं कि वे लोगों को बरगला रहे हैं. इन प्रावधानों में साफ कहा गया है कि संसद की ओर से पारित कानून का अनुपालन राज्य के लिए आवश्यक है. वे अपने राज्य की संवैधानिक प्रक्रि या को इस तरह चलाएं कि केंद्रीय कानून को लागू किया जा सके. कोई मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक संविधान के नियमों के पालन से इनकार कर सकता है क्या.

लेकिन फिर भी अगर कोई राज्य नहीं मानता है तो क्या आप राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाने या सुप्रीम कोर्ट जाने जैसे कदम उठाने पर विचार करेंगे?

मैंने आपको संविधान के विभिन्न अनुच्छेद,धारा और प्रावधानों का उल्लेख किया. जिसके तहत राज्यों को संसद की ओर से पारित कानून का अनुपालन करना जरूरी है. जब कानून अनुपालन की बात होगी तो उन्हें इसके लिए कदम उठाने ही होंगे. कोई किस हद तक जनता को गुमराह कर सकता है, इन दलों के बयानों से साफ होता है. जबकि दूसरी ओर कानून स्पष्ट है. हमें किसी अन्य कदम की जरूरत नहीं है. जहां तक सुप्रीम कोर्ट जाने की जरूरत है तो यह उनके लिए जरूरी होगा जो कह रहे हैं कि हम कानून लागू नहीं करेंगे.

टॅग्स :रविशंकर प्रसादविशेष साक्षात्कारनागरिकता संशोधन कानूनएनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजिका)
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