खेल और संगीत के शौकीन रहे पेमा खांडूअरुणाचल प्रदेश में कुशल चुनावी रणनीतिकार के रूप में अपनी छवि बनाने में भी सफल रहे हैं।
अपनी रणनीति की बदौलत ही उन्होंने इस पूर्वोत्तर राज्य में भगवा पार्टी का कमल खिलाया है। चीन की सीमा से लगते इस महत्वपूर्ण राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में 2016 में पद संभालने के बाद से खांडू और उनके मंत्रिमंडल ने दो बार अपनी पार्टी बदली है-कांग्रेस से पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल प्रदेश में और फिर भाजपा में, वह भी महज पांच महीने के अंतराल में।
अपने पिता पूर्व मुख्यमंत्री दोर्जी खांडू की मृत्यु के बाद पेमा खांडू मुख्यमंत्री नबाम तुकी की सरकार में जल संसाधन विकास और पर्यटन मंत्री बने। पेमा खांडू के पिता का निधन 2011 में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हो गया था। वह वर्ष 2000 में कांग्रेस में शामिल हुए थे और उनके पिता के निधन तक राजनीतिक गलियारों में उन्हें कोई मुश्किल से ही जानता था।
वह 2005 में राज्य कांग्रेस के सचिव बने और 2010 में पार्टी की त्वांग इकाई के प्रमुख बने। वह जून 2011 में अपने पिता के निर्वाचन क्षेत्र मुक्तो से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में विधानसभा उपचुनाव में निर्विरोध चुने गए। खांडू ने दूसरी बार 2014 में मुक्तो से निर्विरोध चुनाव जीता और नबाम तुकी सरकार में पर्यटन मंत्री बने।