Doda: डोडा के विधायक और आप पार्टी के प्रदेश प्रमुख मेहराज मलिक को पीएसए लगा कर जेल में ठूंसने की कवायद के बाद डोडा जिले में न सिर्फ माहौल गर्म है बल्कि सोशल मीडिया पर आग फैलाने का कार्य आग की तरह चल रहा है। हालांकि पुलिस ने पिछले तीन दिनों में करीब 300 सोशल मीडिया खातों को ब्लाक किया है फिर भी फर्जी खबरों का प्रसारण रूक नहीं पा रहा है। ऐसे में डोडा पुलिस ने लोगों से फर्जी खबरें, पुराने वीडियो, नफ़रत भरे भाषण या ऐसी कोई भी सामग्री शेयर न करने की अपील की है जिससे परेशानी या अशांति फैल सकती है। एसएसपी डोडा संदीप मेहता ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ऐसी असत्यापित सामग्री शेयर करना अपराध है और आईटी एक्ट और भारतीय दंड संहिता के तहत कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने ज़िला मजिस्ट्रेट के एक पूर्व आदेश (संख्या 3471-74/डीएम डोडा दिनांक 03.09.2025) का भी ज़िक्र किया, जिसमें सभी को ऑनलाइन सावधानी बरतने की याद दिलाई गई थी। लोगों से आग्रह है कि वे किसी भी जानकारी को फॉरवर्ड करने से पहले उसकी जाँच कर लें और झूठी या हानिकारक पोस्ट की सूचना नज़दीकी पुलिस स्टेशन या हेल्पलाइन पर दें।
पुलिस ने कहा कि वे ज़िले में शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और अफ़वाहों और गलत सूचनाओं को फैलने से रोकने के लिए जनता का सहयोग चाहते हैं। दरअसल आप विधायक मेहराज मलिक को जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में लिए जाने के तुरंत बाद, पाकिस्तान ने डोडा जिले में अशांति फैलाने की कोशिश की।
पड़ोसी देश से फेसबुक, एक्स और इंस्टाग्राम पर कई अकाउंट चलाए गए और लोगों को सड़कों पर उतरने के लिए उकसाया गया। इतना ही नहीं, विधायक को कठुआ जेल में बंद करने का आह्वान भी किया गया। देश और जम्मू-कश्मीर में भी कुछ सोशल मीडिया हैंडलर इस दुष्प्रचार के झांसे में आ गए, लेकिन डोडा, किश्तवाड़ और रामबन जिलों की आईटी टीमों ने कड़ी मेहनत की।
उनमें से कई की पहचान करने में सफल रहीं। उन्होंने संबंधित पुलिस थानों से उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को कहा। तीन जिलों के आईटी सेल ने केवल तीन दिनों में 300 से अधिक सोशल मीडिया अकाउंट ब्लॉक कर दिए और कार्रवाई के लिए पुलिस और खुफिया एजेंसियों के समक्ष मामला उठाया।
सूत्रों ने बताया कि डोडा, किश्तवाड़ और रामबन पुलिस ने पाया कि कई सोशल मीडिया अकाउंट, जिनका बाद में पता चला कि वे पाकिस्तान से हैं, बड़ी संख्या में फॉलोअर वाले थे और पीएसए के तहत मेहराज मलिक की गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों के भीतर तीनों जिलों में सक्रिय हो गए और स्थानीय लोगों तथा अन्य लोगों को ऐसे संदेशों के जरिए भड़काना शुरू कर दिया जो वास्तविकता से कोसों दूर थे और विरोध प्रदर्शनों की छेड़छाड़ की गई तस्वीरें भी प्रसारित की गईं।