आज के समय में एक बेहतर जिंदगी पाने के लिए हर शख्स दिन-रात मेहनत कर रहा है। लेकिन लोगों के दिल में क्रोध, सांप्रदायिक नफरत, लालच, युद्ध और तमाम तरह के विचार पनपते रहते हैं। इन सभी पर संयम रखकर जो अपनी जिंदगी को सरल तरीके से जीना सीख जाता है असल में वही सफलता प्राप्त करता है। जिंदगी जीना भी एक कला है और इस कला को बहुत से लोग समझ ही नहीं पाते हैं।
आपको अपने आस-पास कई तरह के लोग मिल जाएंगे। कुछ लोगों की कहानी आपको मोटिवेड भी करती होगी। आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स की कहानी बता रहे हैं जो पेशे से डॉक्टर हैं लेकिन हालात के आगे फल बेचने को मजबूर है। दरअसल, शिवा नामक एक शख्स अपनी फीस भरने के लिए फल बेचते हैं। शिवा वेल्लोर गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के चौथे साल के छात्र हैं।
बीबीसी में छपी रिपोर्ट के अनुसार शिवा के परिवार में चार लोग हैं, उनके माता-पिता, उनके बड़े भाई और वो। सुबह जल्दी उठने के बाद सभी पेड़ से आइस फ्रूट तोड़ने जाते हैं, जिन्हे बाद में मेट्टुपलायम में बेंचा जाता है। उनका परिवार कई सालों से यह काम कर रहा है। पिछले तीन सालों की पढ़ाई की फीस शिवा ने इन्हीं फलों को बेचकर भरी है। अक्सर लोगों को जब उनके बारे में पता चलता है तो वह उसकी इस बहादुरी को सलाम करने को मजबूर हो जाते हैं।