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धनबाद: सिविल कोर्ट जज की मौत के मामले में CBI को लगी जमकर फटकार, जानें हाई कोर्ट ने क्या कहा

By एस पी सिन्हा | Updated: October 22, 2021 18:31 IST

झारखंड हाई कोर्ट ने कहा कि सीबीआई की अब तक जांच से पता चल रहा है कि उन्होंने पूरे केस को समाप्त कर दिया है. कोर्ट ने चार्जशीट में हत्या के मोटिव के बारे में जिक्र नहीं किए जाने को लेकर भी सवाल उठाए हैं.

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ठळक मुद्देसीबीआई सचिवालय के बाबुओं की तरह काम कर रही है: झारखंड हाई कोर्टकोर्ट ने पूछा- हत्या के मोटिव के बारे में बिना बताए पूरी चार्जशीट कैसे दाखिल कर दी गई झारखंड के धनबाद सिविल कोर्ट के जज उत्तम आनंद की मौत मामले में जांच पर नाराज हाई कोर्ट

रांची: झारखंड में धनबाद सिविल कोर्ट के जज उत्तम आनंद की मौत के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सीबीआई को जमकर फटकार लगाई है. हाईकोर्ट ने सीबीआई के खिलाफ सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि सीबीआई सचिवालय के बाबुओं की तरह काम कर रही है. 

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ रविरंजन और न्यायामूर्ति सुजीत नारायण की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की. मुख्य न्यायाधीश ने सीबीआई की चार्जशीट पर कड़ी नाराजगी जताईे. 

हाईकोर्ट ने कहा कि जब हाई कोर्ट मामले की निगरानी कर रही है तो बिना उसकी अनुमति के निचली अदालत में चार्जशीट कैसे दाखिल कर दी गई. कोर्ट ने कहा कि जब चार्जशीट में हत्या के मोटिव के बारे में नहीं बताया गया है तो जांच पूरी करते हुए चार्जशीट कैसे दाखिल कर दी गई. 

'सीबीआई गंभीरता से जांच नहीं कर रही'

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि तबीयत खराब होने के बावजूद वह इस केस को सुन रहे हैं क्योंकि यह मामला काफी गंभीर है. इस केस पर पूरे देश की नजर है. सुप्रीम कोर्ट की नजर है और हाईकोर्ट उसकी मॉनिटरिंग कर रहा हो, वह गंभीरता सीबीआई की जांच में नजर नहीं आ रही है. 

खंडपीठ ने कहा कि सीबीआई की जांच का स्टेटस रिपोर्ट स्टीरियो टाइप है. अनुसंधान जारी है. इसके अलावा इसमें कुछ नहीं कहा गया है. सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दिया, लेकिन अपने स्टेटस रिपोर्ट में उसका जिक्र तक नहीं किया गया है. सीबीआई ने हाईकोर्ट को हवा तक लगने नहीं दी है. 

कोर्ट ने कहा कि हत्या का आरोप लगाते हुए दो आरोपियों के खिलाफ जांच पूरी कर चार्जशीट दायर कर दी गई है, लेकिन उसमें हत्या का मोटिव नहीं बताया गया है. ऐसा कर सीबीआई ने आरोपियों को बचने का रास्ता दे दिया है. बिना मोटिव की हत्या का मामला कैसे साबित हो सकता है. यह सीबीआई बताए.

मुख्य न्यायाधीश ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इसका मतलब सीबीआई आरोपियों को निचली अदालत में दुर्घटना साबित करने का मौका दे रही है, और कोर्ट को अंधेरे में रख रही है. अदालत ने सीबीआई से पूछा कि निगरानी का क्या मतलब होता है क्या सीबीआई इसे सिर्फ खानापूर्ति समझ रही है क्योंकि अदालत इस मामले को बहुत गंभीरता से ले रही है। 

'सीबीआई की अब तक की जांच से कोर्ट दुखी'

कोर्ट ने कहा कि सीबीआई की अब तक जांच से पता चल रहा है कि उन्होंने पूरे केस को समाप्त कर दिया है. अदालत ने इसको लेकर भी सवाल उठाया कि चार्जशीट भी जांच रिपोर्ट में नहीं दी गई है. 

अदालत ने कहा कि कोर्ट ने पूर्व में ही आशंका जाहिर की थी कि यह मामला कहीं मिस्ट्री मर्डर ना बन जाए? लेकिन अब लग रहा है कि यह मामला मिस्ट्री ऑन एक्सप्लेन की ओर बढ रहा है. अदालत ने कहा कि सीबीआइ की अब तक की जांच से कोर्ट बहुत दुखी है. 

यहां बता दें कि झारखंड के धनबाद सिविल कोर्ट के जज उत्तम आनंद की मौत मामले में पिछली सुनवाई में झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण की खंडपीठ को सीबीआई की ओर से बताया गया था कि उसके हाथ अहम सुराग लगे हैं. इस दिशा में सीबीआई तेजी से कार्य कर रही है और हर बिंदु पर जांच की जा रही है, ताकि जल्द इस मामले का खुलासा किया जा सके.

टॅग्स :Jharkhand High CourtCBIDhanbad
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