नई दिल्ली: चार धाम यात्रा के दौरान होने वाले हादसों को देखते हुए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने बड़ा कदम उठाया है। डीजीसीए ने चार धाम यात्रा के दौरान 10,000 फीट पर हेलीपैड के संचालन के लिए पायलटों के लिए एक अतिरिक्त पहाड़ी जांच शुरू की है।
समाचार एजेंसी एएनआई ने एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया कि सुरक्षा उपायों के तहत हिमालयी क्षेत्र में काम कर रहे पायलटों को डीजीसीए द्वारा शुरू किए गए नियमों के नए सेट के तहत विशेष प्रशिक्षण मिलेगा।
दरअसल, अक्टूबर 2022 में उत्तराखंड में केदारनाथ तीर्थ के पास एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में छह तीर्थयात्रियों और एक पायलट की मौत हो गई थी। पिछले साल के हेलिकॉप्टर दुर्घटना के बाद जिसमें सात लोगों की जान चली गई थी और एक अन्य घटना जो इस साल हुई थी, जिसमें टेल रोटर के संपर्क में आने के बाद उत्तराखंड सरकार के एक अधिकारी की मौत हो गई थी, DGCA ने पहाड़ी क्षेत्र में सभी ऑपरेटरों को सुरक्षा दिशानिर्देश जारी किए।
चार धाम यात्रा भारत के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में भक्तों को आकर्षित करने वाले सबसे लोकप्रिय तीर्थों में से एक है। इन्हीं जगहों में से एक है केदारनाथ। सभी चार मंदिर ऊंचाई पर हैं जहां चरम मौसम की स्थिति तेजी से बदल सकती है।
केदारनाथ यात्रा इस साल 25 अप्रैल से शुरू हुई थी। 20-23 अप्रैल तक किए गए निरीक्षण के बाद DGCA द्वारा अनुमोदित सात ऑपरेटरों द्वारा हेलिकॉप्टर शटल सेवा भी उसी दिन शुरू हुई।