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कांग्रेस का आरोप: नोटबंदी पर सहमत नहीं था आरबीआई बोर्ड, डाला गया दबाव

By स्वाति सिंह | Updated: March 11, 2019 16:00 IST

कांग्रेस ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के केंद्रीय बोर्ड की बैठक के विवरण का हवाला देते हुए दावा किया कि नोटबंदी के लिए पीएम मोदी ने कालेधन पर अंकुश लगने सहित जो कारण गिनाए थे उन्हें केंद्रीय बैंक ने इस कदम की घोषणा से कुछ घंटे पहले ही नकार दिया था।

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने दावा किया है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने मोदी सरकार को नोटबंदी के फैसले पर आगाह किया था। कांग्रेस ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के केंद्रीय बोर्ड की बैठक के विवरण का हवाला देते हुए दावा किया कि नोटबंदी के लिए पीएम मोदी ने कालेधन पर अंकुश लगने सहित जो कारण गिनाए थे उन्हें केंद्रीय बैंक ने इस कदम की घोषणा से कुछ घंटे पहले ही नकार दिया था। 

कांग्रेस ने कहा कि इसके बावजूद नोटबंदी का फैसला आरबीआई पर थोपा गया। आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड के बारे में आरटीआई से मिली जानकारी का ब्योरा रखते हुए यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार बनी तो नोटबंदी के बाद करचोरी के लिए पनाहगाह माने जाने वाली जगहों पर पैसे ले जाने में असामान्य बढ़ोतरी तथा देश के बैंकों में असामान्य ढंग से पैसे जमा किए जाने के मामलों की जांच की जाएगी।

रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ 8 नवंबर, 2016 को रात आठ बजे नोटबंदी की घोषणा हुई। उसी से कुछ घंटे पहले आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड बैठक हुई। उस बैठक में क्या हुआ किसी को पता नहीं चला।आरबीआई के गवर्नर रहते हुए उर्जित पटेल तीन बार संसद की समितियों के समक्ष आये। तीनों बैठकों में उन्होंने यह नहीं बताया कि आरबीआई की बैठक में क्या हुआ था? अब 26 महीने बाद आरटीआई के जरिये उस बैठक का ब्योरा सामने आया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस बैठक में कहा गया कि कालाधन मुख्य रूप से सोना और रियल स्टेट के रूप में है। इसलिए नोटबन्दी का कालेधन पर कोई बहुत फर्क नहीं पड़ेगा। जाली नोटों के बारे में बहुत बातें की गई थीं, लेकिन बैठक में कहा गया है कि नोटबन्दी से जाली नोटों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। रिजर्व बैंक का यह भी कहना था कि नोटबंदी का पर्यटन पर तात्कालिक नकारात्मक असर होगा।’’ कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘ नोटबंदी को लेकर जो कारण दिये गए थे, उनको आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड ने नकारा था। इन सबके बावजूद आरबीआई ने कहा कि वह नोटबन्दी के साथ है। इसका मतलब कि आरबीआई पर दबाव डाला गया। नोटबंदी का फैसला उस पर थोपा गया था।’’

उन्होंन आरोप लगाया था कि नोटबंदी एक ‘तुगलकी फरमान’ और ‘घोटाला’ था जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया। एक सवाल के जवाब में रमेश ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर आरबीआई की स्वायत्तता और उसकी पेशेवर स्वतंत्रता को फिर से बहाल किया जाएगा।

कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने आरटीआई से मिली जानकारी का हवाला देते हुए यह आरोप लगाया है। सूचना अधिकार कानून के तहत आरटीआई कार्यकर्ता वेंकटेश नायक को मिली है।उन्‍होंने यह जानकारी कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट इनिशिएटिव (सीएचआरआई) की वेबसाइट पर डाली है। उनकी रिपोर्ट 16 फरवरी 2019 की है।

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