Delhi Water Crisis: दिल्ली में जल संकट ने लोगों के पसीने छुड़ा दिए हैं। आलम यह है कि बूंद-बूंद पानी के लिए लोग तरस रहे हैं। अब मजबूरन लोग दिल्ली से पलायन करने लगे हैं। पानी की तलाश में लोग दिल्ली छोड़कर गांव जाने लगे हैं। लोगों को लगता है कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार उनको पीने और नहाने का पानी मुहैया नहीं करा सकती है।
मालूम हो कि साल 2020 में जब कोरोना महामारी ने देश में दस्तक दी। देश में लॉकडाउन लगा, तब दिल्ली छोड़ने के लिए लोग मजबूर हुए थे। लेकिन, पानी के घोर संकट ने साल 2024 में लोगों को घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया है। एक तरफ जहां पानी के संकट पर आम आदमी पार्टी के खिलाफ भाजपा और कांग्रेस हमलावर है।
वहीं, दूसरी तरफ पानी नहीं मिलने से आम लोगों को जीवन प्रभावित हो रहा है। दिल्ली के अधिकांश इलाकों में पानी की पूर्ति नहीं हो रही है। टैंकर से जैसे तैसे लोग बाल्टी लेकर पानी भर रहे हैं।
दक्षिण दिल्ली की देवली विधानसभा में लोग भी पानी के लिए तरस रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पानी की किल्लत इतनी है कि लोग 4 से 6 दिन तक नहा भी नहीं पा रहे हैं। कुछ लोग घर छोड़कर दूसरी जगह रिश्तेदारों के घर चले गए हैं।
सरकारी अफसर सिर्फ शिकायत सुनते नहीं और स्थानीय विधायक समस्याएं हल करने में असफल हैं। प्राइवेट टैंकर से पानी मंगाना पड़ता है जो मनमर्जी पैसे मांगते हैं।
मालूम हो कि आम आदमी पार्टी लगातार हरियाणा सरकार पर आरोप लगा रही है कि दिल्ली के हिस्से का पानी नहीं दिया जा रहा है। वहीं, हरियाणा सरकार का कहना है कि दिल्ली के हिस्से का पानी दिया जा रहा है।
वहीं, इन सबके बीच हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश दिल्ली या किसी अन्य राज्य को पानी देने के लिए तैयार है। हिमाचल प्रदेश का पानी हरियाणा के रास्ते दिल्ली में आता है इसलिए दिल्ली सरकार को हरियाणा सरकार के साथ समझौता करना होगा। हिमाचल प्रदेश के पास अतिरिक्त पानी है।