दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में कालकाजी सीट इस बार कुछ ज्यादा ही चर्चा में रहा। कालकाजी सीट दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा की बेटी शिवानी चोपड़ा, आम आदमी पार्टी की सीनियर लीडर आतिशी मार्लेना और बीजेपी के धर्मवीर सिंह के बीच त्रिकोणीय मुकाबला था। तीनों पार्टी ने कालकाजी सीट पर नए चेहरे के साथ प्रयोग किया है। आतिशी कालकाजी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के धर्मवीर सिंह से 11 हजार मतों के अंतर से जीत गईं।
आतिशी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ यह बिल्कुल स्पष्ट है कि दिल्ली के लोगों ने अरविंद केजरीवाल को लेकर अपना मन बना लिया था। उन्होंने उनके काम के आधार पर उनके पक्ष में वोट डाला। यह काम की राजनीति ही है जो घृणा की राजनीति पर जीत गई।’’ उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘आम आदमी पार्टी पर अपना विश्वास जताने और विकास की राजनीति के पक्ष में वोट डालने के लिए दिल्ली के लोगों का धन्यवाद। पिछले पांच साल में हम दिल्ली के सरकारी विद्यालयों को देश में सर्वश्रेष्ठ विद्यालय बनाने के प्रयास में जुटे रहे और हम कालकाजी को दिल्ली का सबसे श्रेष्ठ निर्वाचन क्षेत्र बनाएंगे।’’
लोकसभा चुनाव 2019 हार चुकी हैं आतिशी मार्लेना
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से स्नातक आतिशी मार्लेना आम आदमी पार्टी के प्रमुख चेहरों में से एक हैं। लोकसभा चुनाव 2019 में पूर्वी दिल्ली सीट पर बीजेपी के गौतम गंभीर ने आतिशी मार्लेना को हराया था। इस चुनाव में आतिशी तीसरे नंबर पर रहीं जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरविंदर सिंह लवली दूसरे नंबर पर रहे थे। आम आदमी पार्टी ने कालकाजी से वर्तमान विधायक अवतार सिंह कालका का टिकट काटकर आतिशी को चुनावी मैदान में उतारा।
शिवानी चोपड़ा को पिता सुभाष चोपड़ा का सहारा
सुभाष चोपड़ा को कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक तीन महीने पहले अक्टूबर 2019 में प्रदेश की जिम्मेदारी दी थी। इस बार सुभाष चोपड़ा खुद चुनाव नहीं लड़ रहे हैं और उनकी बेटी शिवानी चोपड़ा कालकाजी से उम्मीदवार हैं। सुभाष चोपड़ा इस सीट से 2008 में विधायक रह चुके हैं।
पिछले तीन चुनावों में अलग-अलग पार्टी को मिली जीत
कालकाजी सीट पर 2008 में कांग्रेस के टिकट पर सुभाष चोपड़ा, 2013 में बीजेपी के टिकट पर हरमीत सिंह और 2015 में आप के अवतार सिंह कालका ने जीत दर्ज की थी।