Delhi Congestion Tax: देश की राजधानी दिल्ली में पूरे देश के गाड़ियां रोजाना आती-जाती रहती है। खासतौर पर दिल्ली से सटे एनसीआर इलाकों के लोगों का दिल्ली में आना-जाना बहुत ही आम है। पर क्या आप जानते हैं कि अब दिल्ली में आना उतना आसान नहीं जितना पहले था? अब दिल्ली आने वालों को अपनी गाड़ियों का टैक्स सरकार को देना होगा। जी हां बिल्कुल सही पढ़ा आपने। दरअसल, दिल्ली सरकार व्यस्त समय के दौरान यातायात को कम करने के लिए भीड़भाड़ कर लगाने की योजना बना रही है।
परिवहन के विशेष आयुक्त शहजाद आलम के अनुसार, वे "भीड़भाड़ मूल्य निर्धारण" रणनीति पर काम कर रहे हैं, जिसके तहत ड्राइवरों से व्यस्त समय के दौरान निर्दिष्ट सड़कों का उपयोग करने के लिए कंजेशन टैक्स लिया जाएगा।
आलम ने बताया कि परिवहन के प्रबंधन के लिए नए फंड का आवंटन हो रहा है...हम जिस पर काम कर रहे हैं, उसे कंजेशन प्राइसिंग कहा जाता है।
इस टैक्स सिस्टम को लागू करने के लिए पहले चरण में दिल्ली के कुछ सड़कों को शामिल किया गया है। इनमें दिल्ली की सीमाओं पर 13 प्रमुख स्थानों की पहचान की गई है।
गौरतलब है कि दिल्ली में कंजेशन टैक्स का प्रस्ताव नया नहीं है। 2018 में इसी तरह की योजना पर चर्चा की गई थी, जब तत्कालीन उपराज्यपाल अनिल बैजल ने पीक ऑवर्स के दौरान भीड़भाड़ वाले सड़क खंडों में प्रवेश करने वाले वाहनों से शुल्क वसूलने का प्रस्ताव रखा था।
इसका उद्देश्य यातायात को आसान बनाना और प्रदूषण को कम करना था। बैजल ने उल्लेख किया कि सरकार विशेषज्ञों से परामर्श कर रही है और नीति को लागू करने से पहले जनता की प्रतिक्रिया लेगी। दिल्ली ने कर के लिए संभावित क्षेत्रों के रूप में आईटीओ चौराहे और महरौली-गुड़गांव रोड सहित 21 उच्च-यातायात खंडों की पहचान की थी। 2017 में, एक संसदीय समिति ने भी राजधानी में भीड़भाड़ वाले खंडों पर टोल लगाने की सिफारिश की थी।