Delhi Assembly: मणिपुर मुद्दे पर सदन में चल रहे हंगामे के बीच दिल्ली विधानसभा से चार भारतीय जनता पार्टी के विधायकों को मार्शल ने बाहर कर दिया है। दिल्ली विधानसभा में मणिपुर मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा हो रहा है। बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता का ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की सरकार विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।
हमने विधानसभा से वॉकआउट किया है। हम 'शीश महल' और दिल्ली के मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहे हैं..." भाजपा विधायक ओपी शर्मा ने कहा कि यह सरकार दिल्ली के मुद्दों के ऊपर बात करने से बच रही है। हमने कहा कि मणिपुर का मामला मणिपुर की विधानसभा में चल रहा है।
दिल्ली की विधानसभा में दिल्ली से जुड़े मामलों को उठाया जाना चाहिए। विधानसभा सत्र के दूसरे दिन बृहस्पतिवार को याचिका समिति की रिपोर्ट को लेकर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी विधायकों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला।
आम आदमी पार्टी विधायक दुर्गेश पाठक ने पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा पर अल्पकालिक चर्चा शुरू की जिसके बाद भाजपा विधायक विरोध में खड़े हो गए और कहा कि दिल्ली से संबंधित मुद्दों पर सदन में बहस होनी चाहिए। उप सभापति राखी बिधलान ने भाजपा विधायकों के विरोध पर सवाल उठाते हुए कहा, “क्या उन्हें लगता है कि मणिपुर विधानसभा में चर्चा के लिए कोई मुद्दा नहीं है?
उत्तर प्रदेश विधानसभा में भी मणिपुर मुद्दे पर चर्चा हुई।” भाजपा विधायकों ने अपना विरोध जारी रखा जिसके बाद उनमें से चार - अभय वर्मा, जितेंद्र महाजन, अजय महावर और ओपी शर्मा - को मार्शलों की मदद से सदन से बाहर निकाल दिया गया। हंगामा बढ़ने पर पाठक ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा इस मुद्दे पर चर्चा नहीं चाहती है।
पाठक के नेतृत्व में आप विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ नारे भी लगाए। दिल्ली विधानसभा में भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि समिति की सिफारिशें प्रशासनिक प्रणाली को “पंगु” बनाने के इरादे से “अपने ही पाले में गोल दागने” की तरह थीं। उन्होंने विधानसभा में याचिका समिति को बंद करने की मांग की।
स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज सहित आप नेताओं द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद उपाध्यक्ष राखी बिडलान ने गुप्ता को विधानसभा के सामने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश नहीं करने की चेतावनी दी थी। आप विधायक राजेश गुप्ता ने कहा कि भाजपा विधायक एक पुरानी रिपोर्ट पढ़ रहे थे।