लाइव न्यूज़ :

2014 में लोकसभा चुनाव से पहले यूपीए सरकार ने दिल्ली वक्फ बोर्ड को दान की थी 123 प्राइम प्रोपर्टीज

By रुस्तम राणा | Updated: September 18, 2022 20:06 IST

कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 2014 में लुटियंस दिल्ली में 123 सरकारी संपत्ति वक्फ को उपहार में दी थी। टाइम्स नाउ के अनुसार, तत्कालीन सरकार ने इन संपत्तियों को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वक्फ बोर्ड को दान की थी।

Open in App

नई दिल्ली: तमिलनाडु वक्फ बोर्ड ने 7 हिंदू-बहुल गांवों और तिरुचिरापल्ली में 1500 साल पुराने मंदिर के स्वामित्व का दावा करने के कुछ दिनों बाद, यह पता चला है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 2014 में लुटियंस दिल्ली में 123 सरकारी संपत्ति वक्फ को उपहार में दी थी।

टाइम्स नाउ की एक समाचार रिपोर्ट के अनुसार, 2014 के आम चुनाव से कुछ दिन पहले, कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया था और एक गुप्त नोट के माध्यम से अवगत कराया गया था। संपत्तियां कनॉट प्लेस, अशोक रोड, मथुरा रोड और अन्य वीवीआईपी एन्क्लेव जैसे प्रमुख स्थानों में स्थित हैं।

टाइम्स नाउ ने बताया कि दिल्ली वक्फ बोर्ड के पक्ष में 123 सरकारी संपत्तियों की पहचान करने के लिए सिर्फ एक फोन कॉल आया। समाचार चैनल ने गुप्त नोट भी साझा किया, जो 5 मार्च 2014 का है, और अतिरिक्त सचिव जेपी प्रकाश द्वारा हस्ताक्षरित है।

शहरी विकास मंत्रालय के सचिव को संबोधित करते हुए, नोट में लिखा गया है, भूमि और विकास कार्यालय (एलएनडीओ) और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के नियंत्रण में दिल्ली में 123 संपत्तियों को दिल्ली वक्फ बोर्ड को वापस करने की इजाजत देता है। मिनट्स के औपचारिक जारी होने तक मंत्रालय को सूचित कर दिया गया है।"

टाइम्स नाउ के अनुसार, दिल्ली वक्फ बोर्ड द्वारा 27 फरवरी, 2014 को भारत सरकार को एक सप्लिमेंट्री नोट लिखा गया था, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में 123 प्रमुख संपत्तियों पर अपना दावा किया गया था। दिलचस्प बात यह है कि प्रस्ताव मिलने के एक हफ्ते के भीतर यूपीए कैबिनेट ने 'सीक्रेट नोट' जारी कर दिया था।

समाचार चैनल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक नोटिस का भी खुलासा किया, जिसमें कहा गया था, "केंद्र सरकार एलएनडीओ और डीडीए के नियंत्रण में नीचे दी गई वक्फ संपत्तियों से निम्नलिखित शर्तों के अधीन वापस लेने की कृपा कर रही है।"

कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने माना कि 123 संपत्तियां दिल्ली वक्फ बोर्ड की थीं और बोर्ड से एक नोट प्राप्त करने के बाद, उन पर अपना दावा वापस लेने का फैसला किया। यह उल्लेख किया जाना चाहिए कि उक्त संपत्तियां ब्रिटिश सरकार से विरासत में मिली थीं और उनकी स्थिति 5 मार्च, 2014 तक अपरिवर्तित रही।

टॅग्स :UPAदिल्लीdelhi
Open in App

संबंधित खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Flights Cancelled: इंडिगो ने दिल्ली से सभी फ्लाइट्स आज रात तक की बंद, यात्रियों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी

भारतDelhi Traffic Advisory: पुतिन के दौरे को लेकर दिल्ली में ट्रैफिक एडवाइजरी जारी, इन रास्तों पर जाने की मनाही; चेक करें

भारतIndiGo Flight Crisis: 8 एयरपोर्ट पर 100 से ज्यादा उड़ानें रद्द, यहां देखें दिल्ली-मुंबई समेत शहरों की इंडिगो फ्लाइट लिस्ट

भारतPutin visit India: पीएम मोदी और पुतिन के बीच होगा प्राइवेट डिनर, मेजबानी के लिए पीएम तैयार

भारत अधिक खबरें

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई