दार्जिलिंगःपश्चिम बंगाल के उत्तरी भाग में दार्जिलिंग की पहाड़ियों में शनिवार को लगातार भारी बारिश के कारण कई भूस्खलन हुए जिससे 17 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य लापता हो गए। भूस्खलन के कारण कई घर बह गए, सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं और कई दूरदराज के गांवों का संपर्क टूट गया। यह जानकारी अधिकारियों ने दी। एनडीआरएफ और जिला प्रशासन द्वारा संकलित रिपोर्ट के अनुसार, कई स्थानों - सरसली, जसबीरगांव, मिरिक बस्ती, धार गांव (मेची), नागराकाटा और मिरिक झील क्षेत्र से लोगों के मारे जाने की खबर है।
दार्जिलिंग उप-मंडल अधिकारी (एसडीओ) रिचर्ड लेप्चा ने बताया कि पुलिस, स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रतिक्रिया टीम की मदद से बचाव और राहत अभियान जारी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीड़ितों के लिए मुआवजे की घोषणा की, लेकिन राशि का उल्लेख नहीं किया और कहा कि वह 6 अक्टूबर को उत्तर बंगाल का दौरा करेंगी और क्षेत्र की स्थिति का आकलन करेंगी, जहां बड़ी संख्या में पर्यटक भी प्रभावित हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मौतों पर शोक व्यक्त किया और कहा कि भारी बारिश और भूस्खलन के मद्देनजर दार्जिलिंग और आसपास के क्षेत्रों की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
नागराकाटा के धार गांव में मलबे से कम से कम 40 लोगों को बचाया गया जहां भारी भूस्खलन के कारण कई घर ध्वस्त हो गए। उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा ने स्थिति को "चिंताजनक" बताया और रिपोर्ट का हवाला देते हुए मृतकों की संख्या सत्रह बताई। गुहा ने कहा, "जान का नुकसान दुखद है। हमारी रिपोर्ट के अनुसार, मिरिक में 11 और दार्जिलिंग में छह लोगों की मौत हुई है।
लेकिन अभी तक संख्या की पुष्टि नहीं हुई है।" भूस्खलन के कारण मिरिक-सुखियापोखरी सड़क सहित प्रमुख मार्गों पर यातायात बाधित हो गया जबकि कई पहाड़ी बस्तियों की संचार लाइनें टूट गईं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह स्थिति का आकलन करने के लिए सोमवार को उत्तर बंगाल का दौरा करेंगी और फिलहाल राज्य सचिवालय नबान्न स्थित नियंत्रण कक्ष से घटनाक्रम पर नजर रख रही हैं।
टीवी9 बांग्ला समाचार चैनल से फोन पर बात करते हुए बनर्जी ने स्थिति को "गंभीर" बताया। उन्होंने कहा, "भूटान में लगातार बारिश के कारण पानी उत्तर बंगाल में बह गया है। यह आपदा दुर्भाग्यपूर्ण है - प्राकृतिक आपदाएं हमारे नियंत्रण से बाहर हैं। हम बहुत दुखी हैं। मैंने मुख्य सचिव के साथ पांच प्रभावित जिलों के अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठकें कीं। मैं सुबह छह बजे से स्थिति पर नजर रख रही हूं।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सोमवार दोपहर मुख्य सचिव मनोज पंत के साथ उत्तर बंगाल के लिए रवाना होंगी और सिलीगुड़ी से स्थिति पर नजर रखेंगी। उन्होंने रविवार को कोलकाता में दुर्गा पूजा कार्निवल के समापन के बाद वहां जाने का फैसला किया था, जिसमें 100 से ज्यादा पूजा समितियां हिस्सा लेंगी। बनर्जी के अनुसार, केवल 12 घंटों में 300 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई, जिससे कम से कम सात जगहों पर भयंकर बाढ़ और भूस्खलन हुआ। उन्होंने इस स्थिति की तुलना पिछले महीने त्योहारों के मौसम में कोलकाता में आई भीषण बाढ़ से की।
उन्होंने कहा, "12 घंटे से लगातार भारी बारिश हो रही है। सात जगहों पर भूस्खलन हुआ है। मैं कड़ी नजर रख रही हूं और उम्मीद है कि सोमवार दोपहर तीन बजे तक वहां पहुंच जाऊंगी।" भूस्खलन और सड़क मार्ग पर अवरोधों के कारण पूरे क्षेत्र में हजारों पर्यटक फंसे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उन्हें सुरक्षित वापस लाने की व्यवस्था करेगी और पर्यटकों से अपील की कि वे घबराएं नहीं और वहां से निकलने की जल्दबाजी न करें। उन्होंने कहा, "कई पर्यटक फंसे हुए हैं। मैं उनसे अनुरोध करती हूं कि वे जल्दबाजी न करें। कृपया जहां हैं वहीं रहें।
होटल वालों को उनसे ज्यादा पैसे नहीं लेने चाहिए। उनकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है और प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा।" बनर्जी ने यह भी घोषणा की कि आपदा में मारे गए लोगों के परिवारों को सरकारी मुआवजा और उनके एक सदस्य को रोजगार मिलेगा। हालांकि उन्होंने राशि का जिक्र नहीं किया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि भारी और लगातार बारिश के कारण बचाव कार्य में भारी बाधा आई है। उन्होंने कहा, "यह इलाका फिसलन भरा है और कई घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। नुकसान का आकलन अभी भी किया जा रहा है। इन ढलानों पर मशीनों के लिए काम करना बेहद मुश्किल हो रहा है।"
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "दार्जिलिंग में पुल दुर्घटना में हुई जानमाल की हानि से बहुत दुःख हुआ है। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी संवेदना है। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। भारी बारिश और भूस्खलन के मद्देनजर दार्जिलिंग और आसपास के इलाकों की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
हम प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।" तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने उत्तर बंगाल में अपने कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं को जमीनी स्तर पर जाकर संकटग्रस्त लोगों की सहायता करने का निर्देश दिया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दार्जिलिंग और कलिम्पोंग सहित उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में छह अक्टूबर तक अत्यधिक भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया है। साथ ही, मिट्टी की नाजुक स्थिति के कारण और अधिक भूस्खलन और सड़कों पर अवरोध पैदा होने की चेतावनी दी है।
एनडीआरएफ के अनुसार, दार्जिलिंग जिले और उत्तरी सिक्किम में सड़क संपर्क गंभीर रूप से बाधित है और सिलीगुड़ी को मिरिक-दार्जिलिंग मार्ग से जोड़ने वाला एक लोहे का पुल क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे इस क्षेत्र तक पहुंच बाधित हो गई है। एनडीआरएफ ने यह भी कहा कि मिरिक का एक गांव वर्तमान में बाढ़ और सड़क अवरोधों के कारण जलमग्न है।
नेपाल में लगातार बारिश के कारण भूस्खलन, 18 लोगों की मौत
पूर्वी नेपाल के कोशी प्रांत में शनिवार की शाम से लगातार बारिश के कारण कई हिस्सों में भूस्खलन हुआ, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि घोसांग में छह और मंगसेबुंग में पांच लोगों की मौत हो गई। वहीं इलम जिले के अन्य इलाकों में सात अन्य लोगों की मौत हो गई है। एक अधिकारी ने रविवार को कहा कि नेपाल की सेना को बचाव कार्य के लिए तैनात कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि सेना ने विमान की मदद से घटनास्थल से एक गर्भवती महिला समेत दो घायलों को बाहर निकाला है जिन्हें इलाज के लिए धरान नगरपालिका के अस्पताल में ले जाया गया है। खराब मौसम के कारण बचाव अभियान भी प्रभावित हुआ है। नेपाल के सात प्रांतों में से पांच प्रांतों में मानसून सक्रिय है जिनमें कोशी, मधेश,बागमती, गण्डकी और लुम्बिनी शामिल हैं।
नेपाली अधिकारियों ने शनिवार को अगले तीन दिन के लिए लगातार बारिश के कारण भूस्खलन होने की आशंका की वजह से काठमांडू में वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया है। राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन प्राधिकरण ने एक सूचना जारी कर कहा है कि काठमांडू घाटी में शनिवार से सोमवार के बीच वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
अधिकारियों ने लोगों से अगले तीन दिनों तक लंबी दूरी तक वाहन न चलाने को भी कहा है। बागमती और पूर्वी राप्ती नदियों के आसपास के इलाकों के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि मानसून के सक्रिय होने के कारण शुक्रवार रात से काठमांडू और देश के अन्य हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है।
इस बीच, खराब मौसम के कारण त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (टीआईए) से घरेलू उड़ानें रोक दी गई हैं। काठमांडू स्थित टीआईए के महाप्रबंधक हंस राज पांडे ने बताया कि काठमांडू, भरतपुर, जनकपुर, भद्रपुर, पोखरा और तुमलिंगतार से घरेलू उड़ानों पर अगली सूचना तक के लिए रोक लगा दी गई है।