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Cyrus Mistry car crash: जब आप सीट बेल्ट नहीं पहनते हैं तो आपके शरीर का क्या होता और पहनने से कैसे बचती आपकी जान...

By सतीश कुमार सिंह | Published: September 05, 2022 7:43 PM

Cyrus Mistry car crash: सड़क हादसे का शिकार हुए उद्योगपति साइरस मिस्त्री रविवार को मर्सिडीज बेंज की जिस लग्जरी एसयूवी में सफर कर रहे थे, वह यात्रियों को सुरक्षित रखने वाली तमाम सुरक्षा खूबियों से लैस थी, लेकिन पिछली सीट पर बैठे मिस्त्री का सीट बेल्ट नहीं पहनना उनके लिए जानलेवा साबित हो गया।

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ठळक मुद्देटाटा संस के पूर्व चेयरमैन मिस्त्री की मर्सिडीज बेंज जीएलसी 220डी एसयूवी डिवाइडर से टकरा गई थी।हादसे में एसयूवी की पिछली सीट पर बैठे मिस्त्री और उनके एक दोस्त की मृत्यु हो गई।कार की अगली दोनों सीटों पर बैठे लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।

Cyrus Mistry car crash: साइरस मिस्त्री की रविवार को जान लेने वाले सड़क हादसे की प्रारंभिक जांच के अनुसार टाटा संस के पूर्व चेयरमैन मिस्त्री और उनके एक सह-यात्री ने सीट बेल्ट नहीं बांधी हुई थी, वाहन बहुत तेज गति में था और चालक के ‘‘निर्णय की त्रुटि’ के कारण दुर्घटना हुई। केवल नौ मिनट में 20 किमी की दूरी तय की।

यदि आपको लगता है कि पिछली सीट बेल्ट अनावश्यक है, तो दुर्घटना के समय कुछ भी हो सकता है। यह घटना इस बात की भी याद दिलाती है कि राजकुमारी डायना की मृत्यु के बाद से कोई सबक नहीं सीखा गया है। सीट बेल्ट नहीं पहनी हुई थीं।

ऑटोमोबाइल विशेषज्ञ ने कहा कि हम सभी अनदेखा करते हैं। यह जानना महत्वपूर्ण है कि दुर्घटना के दौरान आपके शरीर के साथ क्या होता है। मान लीजिए कि आप 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हाईवे पर गाड़ी चला रहे हैं, आपका शरीर भी उसी गति से यात्रा कर रहा है।

आपकी कार डगमगाने के साथ रुकती

इसलिए जब आपकी कार किसी बाधा से टकराती है या अचानक ब्रेक लगाती है, तो आपकी कार डगमगाने के साथ रुकती है, लेकिन शरीर नहीं। आपका शरीर एक टारपीडो की तरह आगे की ओर झुक जाएगा, जिसमें आपको अपनी जगह पर रखने के लिए कुछ भी नहीं होगा।

शरीर की गति और द्रव्यमान की पाशविक शक्ति की कल्पना करें और यहां तक ​​कि दो सह-यात्री भी एक-दूसरे से टकरा सकते हैं और एक-दूसरे को घायल कर सकते हैं। पीछे की सीट वाला यात्री आगे की सीट पर बैठे यात्री और चालक को टक्कर मार सकता है और उन्हें गंभीर रूप से घायल कर सकता है।

सीट बेल्ट पहनने के कानूनी प्रावधान का अगर पालन किया गया होता

कार की पिछली सीट पर बैठने वाले यात्रियों के लिए भी सीट बेल्ट पहनने के कानूनी प्रावधान का अगर पालन किया गया होता, तो टाटा संस के पूर्व चेयरमैन और उनके दोस्त की जान बच सकती थी। महाराष्ट्र के पालघर में रविवार को हुई एक कार दुर्घटना में मिस्त्री और उनके दोस्त जहांगीर पंडोले की मृत्यु हो गई थी।

ऐसा लगता है कि इस जानलेवा हादसे का एक बड़ा कारण दोनों यात्रियों का सीट बेल्ट न पहनना रहा। सीट बेल्ट न पहनने से जब उनकी तेज रफ्तार कार डिवाइडर से टकराई तो पीछे बैठे दोनों यात्री उछलकर अगले हिस्से की तरफ टकरा गए होंगे। हालांकि, कानूनी तौर पर पिछली सीट पर बैठने वाले यात्रियों के लिए सीट बेल्ट न पहनने पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है।

यह अलग बात है कि मोटर वाहन अधिनियम के नियम 138(तीन) के तहत किए गए इस प्रावधान के बारे में या तो लोगों को जानकारी ही नहीं है या फिर वे इसे नजरअंदाज कर देते हैं। यहां तक कि यातायात पुलिस भी इस प्रावधान का उल्लंघन करते हुए पाए जाने पर शायद ही लोगों पर जुर्माना लगाती है।

सीट बेल्ट पहनने की प्रवृत्ति बहुत कम पाई जाती

इंटरनेशनल रोड फेडरेशन के मानद अध्यक्ष के के कपिला भी इससे सहमत हैं कि पीछे बैठने वालों के बीच सीट बेल्ट पहनने की प्रवृत्ति बहुत कम पाई जाती है। बड़े शहरों और महानगरों में यह काफी कम है। छोटे शहरों में तो यह अनुपात लगभग शून्य है।

सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में कमी लाने के लिए सरकार वाहनों में सुरक्षा प्रावधानों को सख्त करने की कोशिश में लगी हुई है। अब सरकार वाहन विनिर्माताओं के लिए कम-से-कम छह एयरबैग देना जरूरी करने का प्रावधान भी करना चाहती है। आठ यात्रियों वाले वाहनों में छह एयरबैग का प्रावधान अक्टूबर से लागू किया जा सकता है।

एयरबैग किसी भी वाहन में लगा एक प्रतिरोधक सुरक्षा उपकरण होता है जो हादसे के समय अचानक खुल जाता है और यात्रियों को सीधी टक्कर से बचा लेता है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले साल पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कहा था कि मध्यम आय वर्ग की तरफ से खरीदी जाने वाली छोटी कारों में भी समुचित संख्या में एयरबैग दिए जाने चाहिए।

सुरक्षा के लिए सरकार ने वाहन कंपनियों को थ्री-पॉइंट सीट बेल्ट की पेशकश करने को कहा

उन्होंने महंगी कारों में ही आठ एयरबैग दिए जाने को लेकर विनिर्माताओं पर सवाल भी उठाए थे। गडकरी ने कुछ महीने पहले कहा था कि वाहनों में मौजूद लोगों की सुरक्षा के लिए सरकार ने वाहन कंपनियों को थ्री-पॉइंट सीट बेल्ट की पेशकश करने को कहा है।

उन्होंने कहा था कि पिछली सीट पर बीच में बैठने वाले शख्स के लिए भी सीट बेल्ट देनी होगी। नेशनल रोड सेफ्टी काउंसिल के सदस्य कमल सोई ने कहा कि भारत में सड़कों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले तमाम सुरक्षा मानक मौजूद हैं, समस्या उनके अनुपालन में है।

एयरबैग असल में पूरक प्रतिरोध प्रणाली (एसआरएस) ही होते हैं

दुर्घटनाग्रस्त मर्सिडीज जीएलसी 220डी कार में तमाम सुरक्षा खूबियां मौजूद थीं जिनमें सात एयरबैग भी शामिल हैं। लेकिन उसमें पिछली सीट पर बैठने वाले यात्रियों को सामने से सुरक्षा देने वाला एयरबैग नहीं था। उसमें पीछे की तरफ सिर्फ साइड एयरबैग ही मौजूद थे। हालांकि, किसी भी वाहन में लगे एयरबैग असल में पूरक प्रतिरोध प्रणाली (एसआरएस) ही होते हैं।

प्राथमिक प्रतिरोध प्रणाली का काम तो सीट बेल्ट ही करती है। ऐसी स्थिति में अगली सीट पर बैठने वाले यात्रियों की तरह पिछली सीट पर मौजूद यात्रियों के लिए भी सीट बेल्ट पहनना काफी अहम हो जाता है। वाहन उद्योग के जानकारों का कहना है कि पिछली सीट वाले यात्रियों के लिए भी सीट बेल्ट लगाना बहुत जरूरी है, भले ही वे तमाम सुरक्षा खूबियों से लैस महंगी कार में ही क्यों न बैठे हों।

हम सबको अपने परिवार की फिक्र करनी

महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने इस हादसे के बाद सीट बेल्ट पहनने की अहमियत पर जोर देते हुए कहा, ‘‘मैं कार की पिछली सीट पर बैठते समय भी सीट बेल्ट पहनने की शपथ लेता हूं। मैं आप सब लोगों से भी यह शपथ लेने का अनुरोध करता हूं। हम सबको अपने परिवार की फिक्र करनी है।’’

मर्सिडीज के इस मॉडल का नवीनतम संस्करण की कीमत 68 लाख रुपये से अधिक है। इसमें एक ‘‘प्री-सेफ सिस्टम’ मौजूद है जिसमें आगे की सीट बेल्ट किसी खतरे की स्थिति में इलेक्ट्रॉनिक ढंग से सक्रिय होकर तन जाती है। कंपनी की वेबसाइट कहती है कि यह प्रणाली किसी हादसे की स्थिति में यात्री को आगे की तरफ झटका लगने से रोकने का काम करती है।

इसके अलावा मर्सिडीज के इस एसयूवी मॉडल में घुटनों को सुरक्षा देने के लिए नीबैग भी लगे हुए हैं। आमने-सामने की टक्कर में यह यात्रियों के घुटनों को डैशबोर्ड से जाकर टकराने से बचाने का काम करते हैं। इसके अलावा इसमें टायरों के दबाव पर नजर रखने वाली प्रणाली भी मौजूद है जो हवा का दबाव कम होने की स्थिति में चेतावनी देने लगती है।

(इनपुट एजेंसी)

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