नई दिल्ली/मुंबईः भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि 120 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार वाली हवाओं के साथ बुधवार की दोपहर महाराष्ट्र के तट पर पहुंचा भीषण चक्रवात निसर्ग अब कमजोर पड़ने लगा है और शाम तक इसकी तीव्रता और घट जाएगी।
मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्यंजय महापात्रा ने कहा कि चक्रवात ने दोपहर साढ़े बारह बजे अलीबाग में दस्तक देना शुरू किया और यह प्रक्रिया दोपहर ढाई बजे पूरी हो गई। उन्होंने कहा, ‘‘तूफान मुंबई से 75 किमी दक्षिण-पूर्व और पुणे के 65 किमी पश्चिम की दूरी पर है। यह कमजोर होने लगा है।
हवा की रफ्तार अभी 90 से 100 किमी प्रति घंटा है तथा इसकी तीव्रता शाम तक और कम हो जाएगी।’’ विभाग के बुलेटिन में कहा गया है कि तूफान शाम तक और कमजोर होकर चक्रवाती तूफान में तब्दील में तब्दील हो जाएगा और देर रात तक हवा के कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित हो जाएगा।
चक्रवाती तूफान ‘निसर्ग’ से पेड़ और बिजली के खंभे धराशायी
चक्रवाती तूफान ‘निसर्ग’ , महाराष्ट्र के तट पर अलीबाग के पास पहुंच गया है जिसके चलते 110 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक गति से हवाएं चल रही हैं, भारी वर्षा हो रही है और कई पेड़ तथा बिजली के खंभे धराशायी हो गए हैं। यह जानकारी रायगढ़ जिले के एक अधिकारी ने दी। जिला कलेक्टर निधि चौधरी ने कहा कि चक्रवात से रायगढ़ से 87 किलोमीटर दूर श्रीवर्धन का दिवे आगर क्षेत्र प्रभावित हुआ है। कलेक्टर ने कहा, ‘‘तेज हवाओं से श्रीवर्धन और अलीबाग में कई पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए हैं।’’
उन्होंने कहा कि अभी तक 13,541 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने (रायगढ़ में) तटीय क्षेत्र के पास के पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले 62 गांवों की पहचान की है और वहां अतिरिक्त एहतियात बरत रहे हैं।’’ उन्होंने लोगों से अपील की वे अपनी सुरक्षा के लिए बृहस्पतिवार सुबह तक घरों के भीतर ही रहें। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, चक्रवात के मुंबई से 95 किलोमीटर दूर अलीबाग के पास पहुंचने की प्रक्रिया अपराह्न करीब साढ़े 12 बजे आरंभ हो गई थी।
आईएमडी ने एक बयान में कहा, ‘‘घने बादलों का दाहिना हिस्सा महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्र, खासकर रायगढ़ जिले से होकर गुजर रहा है। यह आगामी तीन घंटे में मुंबई और ठाणे जिलों में प्रवेश करेगा।’’ इस बीच कलेक्टर ने कहा कि गिरे हुए पेड़ों और बिजली के खंभों को अगले कुछ दिनों में हटा दिया जाएगा और नये खंभे लगाये जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘रायगढ़ के केवल तटीय क्षेत्र ही नहीं बल्कि रोहा, ताला, सुधागढ़, खालापुर, मानगांव, पनवेल और पोलादपुर जैसे इलाकों के निवासियों को भी पूरी तरह सतर्क रहना होगा।’’