मुंबईः महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि ‘निसर्ग’ चक्रवात के मद्देनजर राहत एवं बचाव अभियान के लिए राज्य में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 10 टीम तैनात की गई हैं। चक्रवात के बुधवार को महाराष्ट्र के पश्चिमी तट से टकराने की संभावना है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया कि मुंबई शहर और उपनगरीय इलाकों, ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरि और सिंधुदुर्ग जिलों के लिए अलर्ट जारी किया गया है। इसने यह भी कहा कि कोविड-19 महामारी के चलते राहत कार्यों के दौरान सावधानी बरती जाएगी।
ट्वीट में कहा गया कि राहत एवं बचाव अभियान के लिए राज्य में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 10 टीम तैनात की गई हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि चक्रवात के मद्देनजर कच्चे मकानों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और गैर कोविड अस्पतालों को तैयार रखा जा रहा है।
अरब सागर में बना गहरे दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान में बदलाः आईएमडी डीजी
नयी दिल्ली, दो जून (भाषा) अरब सागर में बना गहरे दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान में बदल गया है और यह तीन जून को उत्तरी महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तट से गजरेगा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक (डीजी) मृत्युंजय महापात्र ने मंगलवार को बताया, " गहरे दबाव का क्षेत्र आज दोपहर के करीब चक्रवाती तूफान में बदल गया है। "
उन्होंने बताया कि चक्रवात को "निसर्ग" नाम दिया गया है। इस नाम का प्रस्ताव बांग्लादेश ने किया है। आईएमडी के चक्रवात चेतावनी प्रभाग ने बताया कि मंगलवार रात तक इसके 'गंभीर चक्रवाती तूफान' में बदलने की संभावना है। आईएमडी ने सोमवार को बताया था कि चक्रवात का प्रभाव मुंबई पर पड़ेगा। तूफान के चक्रवात बनने से पहले दबाव का क्षेत्र और गहरे दबाव का क्षेत्र के दो चरण होते हैं।
गुजरात: चक्रवात से पहले, 20 हजार से अधिक लोगों सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाएगा
गुजरात में चक्रवाती तूफान निसर्ग से निपटने की तैयारियों के बीच, वलसाड और नवसारी जिला प्रशासनों ने राज्य के तटीय क्षेत्रों में स्थित 47 गांवों से करीब 20 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया है। यह जानकारी अधिकारियों ने मंगलवार को दी। साथ ही तटीय क्षेत्रों के पास रहने वालों लोगों के लिए तब एक राहत की खबर आयी जब भारतीय मौसम विभाग ने मंगलवार को संकेत दिया कि हो सकता है कि चक्रवाती तूफान गुजरात तट पर न पहुंचे।
राज्य मौसम विभाग केंद्र के निदेशक जयंत सरकार ने कहा कि हालांकि इसका प्रभाव तटीय क्षेत्रों में तेज हवाओं और भारी वर्षा के रूप में सामने आ सकता है। एहतियाती कदम के तौर पर वलसाड और नवसारी जिला प्रशासनों ने तट के पास रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया है। कुल मिलाकर दोनों जिलों से करीब 20 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा। वलसाड के जिला कलेक्टर आर आर रावल ने कहा, ‘‘हमने 35 तटीय गांवों से करीब 10 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए हमारी टीमें लगायी हैं।
हमने आश्रय स्थलों की पहचान कर ली है और लोगों को निकालने का काम शुरू कर दिया है।’’ सटे नवसारी जिले के कलेक्टर ए अग्रवाल ने कहा कि प्रशासन ने 12 गांवों के 10,200 लोगों को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू की है। मौसम विभाग की विज्ञप्ति के अनुसार, पूर्व-मध्य अरब सागर के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र वर्तमान में सूरत से लगभग 670 किमी दूर है और यह अगले छह घंटों में एक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है।
उसने कहा, ‘‘उसके बाद के 12 घंटों में यह एक भयंकर चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा और ‘‘तीन जून की दोपहर के आसपास उत्तरी महाराष्ट्र और उससे सटे दक्षिण गुजरात तट को पार कर जाएगा। इस दौरान हवा की अधिकतम गति 100 से 110 किमी प्रति घंटा होगी।’’
सरकार ने कहा, ‘‘वर्तमान पूर्वानुमान के अनुसार, चक्रवात अलीबाग के पास टकराएगा जो कि उत्तर महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के बीच में स्थित है। हालांकि चक्रवात दक्षिण गुजरात को पार नहीं करेगा, लेकिन यह दक्षिण गुजरात में तेज हवाओं और भारी वर्षा के रूप में अपना प्रभाव छोड़ेगा।’’ तटीय क्षेत्र में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 14 टीमों को तैनात किया गया है। एनडीआरएफ के एक बयान में कहा गया है कि पांच और टीमें दूसरे राज्यों से मंगाई जाएंगी और जल्द ही यहां पहुंचेंगी।