केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) राशन धन भत्ता विवाद को लेकर गृह मंत्रालय ने कहा है कि वह अपने जवानों की भलाई के लिए एकदम प्रतिबद्ध है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ''गृहमंत्रालय द्वारा 12 जुलाई 2019 को राशन धन भत्ता (RMA) के संशोधन के मौके पर लगभग 2 लाख सीआरपीएफ कर्मियों में से प्रत्येक को एरियर के रूप में 22,144 रुपये बाकाया भुगतान किया गया। इस तरह से सीआरपीएफ के जवानों को जुलाई में मिले राशन धन के रूप में पहले ही 22,144 रुपये मिल चुके हैं जो वर्तमान दरों पर 6 महीने के आरएमए के बराबर है और इस तरह उनके पास भोजन के लिए पर्याप्त धन है। इसलिए, राशन के पैसे को लेकर जवानों ने जो विवाद छेड़ा है वह आधारहीन और निरर्थक है और कोई संकट नहीं है। सितंबर के लिए भी आरएमए का जल्द ही भुगतान किया जाएगा। सीआरपीएफ हमेशा अपने जवानों के भले के लिए प्रतिबद्ध है।''
बता दें कि अंग्रेजी अखबार टेलीग्राफ ने सीआरपीएफ जवानों को राशन भत्ते भुगतान नहीं किए जाने को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। जिसके बाद यह विवाद गरमा गया। टेलीग्राफ के पत्रकार इमरान अहमद सिद्दीकी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया देश में आई आर्थिक तंगी से उपजे नकदी संकट के कारण सरकार ने सीआरपीएफ जवानों को हर महीने मिलने वाले राशन भत्ता को देने से मना किया है।
रिपोर्ट में लिखा गया कि मजबूत सीआरपीएफ और देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल और उसके आतंकवाद रोधी बल में ज्यादातर जवानों को मासिक वेतन के साथ 3000 रुपये "राशन भत्ता" दिया जाता है। अधिकारियों ने कहा कि जवान उनकी छावनियों के भोजनालय और कैंटीन में अपना भोजन का खर्च उठाते हैं।