देश में सोमवार को कोविड-19 के 40,134 नए मामले सामने आए हैं और बीते चौबीस घंटे में 422 लोगों की मौत हो गई है। जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या 3,16,95,958 तक पहुंच गई है। कोविड-19 मामलों में साप्ताहिक आधार पर उछाल देखा जा रहा है। यह मई मध्य के बाद पहली बार है जब कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान मामले घटने लगे थे।
इस नए घटनाक्रम को लेकर विशेषज्ञ मानते है ंकि यह तीसरी लहर की शुरुआत का संकेत हो सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह अगस्त के आने वाले हफ्तों में दस्तक दे सकती है।
भारत के 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में रविवार को कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई। पिछले एक सप्ताह में केरल में कोरोना के मामलों में सबसे ज्यादा उछाल देखा गया है।
साप्ताहिक सक्रिय मामलों में बढोतरी
केरल में पिछले कुछ दिनों से करीब बीस हजार मामले रोजाना सामने आ रहे हैं। वहीं महाराष्ट्र कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान सबसे प्रभावित हुआ था, जिसने एक अगस्त को 6,479 मामलों के साथ बड़ी वृद्धि दर्ज की है। कोविड19इंडियाडॉटओआरजी के मुताबिक, भारत ने पिछले सप्ताह लगातार 2,76,534 नए संक्रमणों की संख्या में बढोतरी दर्ज की है। जबकि एक सप्ताह पहले यह वृद्धि 2,67,680 थी।
सकारात्मकता अनुपात 5 से नीचे
यहां तक की जब विशेषज्ञ आगामी लहर की चेतावनी देते हैं तो भारत में कुल सकारात्मकता अनुपात पांच फीसद से नीचे रहता है। यह एक बेंचमार्क है, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोविड-19 महामारी के प्रबंधन के लिए जरूरी मानता है। वहीं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इसे 2.4 पर रखा था। वहीं कोविड19इंडियाडॉटओआरजी के मुताबिक यह पिछले सप्ताह 3 फीसद पर था।
केरल में सर्वाधिक मामले आ रहे
देश में सर्वाधिक मामलों वाले राज्यों में केरल पहले स्थान पर है। केरल में सोमवार को 20,728 मामले सामने आए हैं। वहीं इसके बाद महाराष्ट्र में 6,479, आंध्र प्रदेश में 2,287, तमिलनाडु में 1,990 और कर्नाटक में 1,875 का स्थान आता है। वहीं देश में ठीक होने वालो की दर अब 97.35 फीसद पहुंच चुकी है।
अगस्त में हो सकती है बढोतरी
हैदराबाद और कानपुर में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के शोधकर्ताओं के अनुमान है कि भारत में अगस्त के दौरान ही कोविड-19 मामलों में और बढोतरी हो सकती है। जबकि ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शोधककर्ताओं ने दैनिक मामलों की संख्या एक लाख या सबसे खराब स्थिति में डेढ लाख जाने का अनुमान लगाया था। शोधकर्ताओं का कहना है कि दूसरी लहर की तरह तीसरी लहर के खतरनाक और घातक होने की संभावना नहीं है। दूसरी लहर के दौरान भारत में दैनिक मामले 4 लाख के आंकड़े को पार कर गए थे। शोधकर्ताओं ने अपने निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए एक गणितीय मॉडल की सहायता ली है। शोधकर्ताओं के इसी समूह ने भारत में दूसरी लहर की भविष्यवाणी की थी। वहीं माना जा रहा है कि दूसरी लहर अक्टूबर में अपने चरम पर पहुंच सकती है।