संशोधित नागरिकता कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) के खिलाफ राजधानी के शाहीन बाग समेत देश के कई हिस्सों में अभी भी विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। साथ ही साथ कोरोना वायरस का प्रकोप फैला हुआ है। इस बीच जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की पूर्व छात्र नेता शेहला रशीद ने ट्वीट कर नरेंद्र मोदी सरकार से सीएए, एनआरसी और एनपीआर वापस लेने की अपील की है।
शेहला रशीद ने सोमवार (16 मार्च) को ट्वीट कर कहा, 'मैं कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर सीएए, एनपीआर, एनआरसी आदि जैसे हाल के विवादास्पद फैसलों को वापस लेने के लिए भारत सरकार से अपील करती हूं। इन निर्णयों के कारण देश में हर जगह बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, कृपया उन्हें अभी के लिए रोकें।'
हाल ही में सऊदी अरब से लौटे कर्नाटक के कलबुर्गी निवासी 76 वर्षीय व्यक्ति की बृहस्पतिवार को मौत हो गई थी। इसके अलावा दिल्ली में रहने वाली 68 वर्षीय एक महिला कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई थी, जिसकी शुक्रवार रात राम मनोहर लोहिया अस्पताल में मौत हो गई।
उत्तराखंड में कोरोना वायरस संक्रमण के पहले मामले की पुष्टि हुई। दिल्ली में कोरोना वायरस के अब तक सात मामले सामने आ चुके हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में 12, कर्नाटक में छह, महाराष्ट्र में 33, लद्दाख में तीन और जम्मू-कश्मीर में दो लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। इसके अलावा तेलंगाना में तीन और राजस्थान में दो मामले सामने आए हैं।
तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और पंजाब में कोरोना वायरस से संक्रमण के एक-एक मामले दर्ज किये गये हैं। केरल में कोरोना वायरस के सबसे अधिक 22 मामले सामने आए हैं। इनमें वे तीन लोग भी शामिल हैं, जिन्हें पिछले महीने इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि कुल 110 संक्रमित लोगों में 17 विदेशी हैं। इनमें 16 इतालवी हैं।
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, केरल के तीन मरीजों सहित इलाज के बाद अब तक 13 लोगों को छुट्टी दे दी गई है। भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने लोगों को से कहा कि वायरस का कोई वायरस का सामुदायिक संचरण नहीं देखा गया है। भारत में स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति अभी नहीं आयी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 को महामारी घोषित कर दिया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि 93 संक्रमित लोगों के संपर्क में आए 4,000 से अधिक लोगों की पहचान की गई है और उनका पता लगाया जा रहा है, जबकि देश भर में 42,000 लोगों को सामुदायिक निगरानी में रखा गया है। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सामुदायिक निगरानी, पृथक केंद्र, पृथक वार्ड, पर्याप्त व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई), प्रशिक्षित कर्मचारी, त्वरित प्रतिक्रिया दल जैसी सभी आवश्यक सुविधाओं को और मजबूत किया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अब तक 30 हवाई अड्डों पर 12,76,046 यात्रियों की जांच की जा चुकी है। मंत्रालय के अनुसार स्वास्थ्य सुरक्षा कर्मचारियों के लिए 80,50,000 एन95 मास्क और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण की खरीद का आदेश दिया गया है।