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उपभोक्ता को पैकेट में एक बिस्किट कम मिला, कंपनी को देना पड़ा एक लाख रुपये का हर्जाना, जानिए पूरा मामला

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: September 6, 2023 18:42 IST

शिकायतकर्ता चेन्नई के पी. दिलीबाबू ने आरोप लगाया कि पैकेट पर इस बात का उल्लेख था कि इसमें 16 बिस्कुट हैं। लेकिन जब उन्होंने इसे खोला तो एक बिस्किट कम मिला।

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ठळक मुद्देजिला उपभोक्ता मंच ने आईटीसी लिमिटेड को दिया आदेशएक उपभोक्ता को एक लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दियापैकेट में एक बिस्किट कम निकला था

तिरुवल्लुर: भारतीय कानून ने आम आदमी को इतनी ताकत दी है कि अगर उसे अपने अधिकार पता हों तो बड़ी से बड़ी रसूखदार कंपनियों को भी एक गलती के लिए झुकना पड़ सकता है। एक ऐसा ही मामला सामने आया है तमिलनाडु राज्य के तिरुवल्लूर जिले से। दरअसल यहां एक उपभोक्ता ने आईटीसी लिमिटेड के खिलाफ एक केस जीता है और अब उसे  एक लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा। 

क्या है मामला

तमिलनाडु राज्य के तिरुवल्लूर जिले के जिला उपभोक्ता मंच ने आईटीसी लिमिटेड खाद्य प्रभाग को अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए एक उपभोक्ता को एक लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है। उपभोक्ता ने यह शिकायत की थी कि कंपनी के बिस्कुट ब्रांड सनफीस्ट मेरी के लाइट के पैकेट में उसे एक बिस्कुट कम मिला था। शिकायतकर्ता चेन्नई के पी. दिलीबाबू ने आरोप लगाया कि पैकेट पर इस बात का उल्लेख था कि इसमें 16 बिस्कुट हैं। लेकिन जब उन्होंने इसे खोला तो एक बिस्किट कम मिला। 

मामला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम पहुंचा। जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने अपने आदेश में उपभोक्ता को एक लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया। साथ ही कंपनी को बैच संख्या 0502सी36 में विवादित बिस्कुट 'सनफीस्ट मेरी लाइट' की बिक्री बंद करने का भी निर्देश दिया। उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने कंपनी की इस दलील को खारिज कर दिया कि बिस्कुट के वजन के संबंध में दी गई चुनौती लागू नहीं होगी।

आदेश में कहा गया है, ‘पहले कंपनी के वकील ने यह तर्क दिया कि उत्पाद केवल वजन के आधार पर बेचा गया था, न कि बिस्कुट की संख्या के आधार पर। ऐसे तर्कों को स्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि रैपर स्पष्ट रूप से खरीदारों को जानकारी प्रदान करता है। उपभोक्ताओं को केवल बिस्कुट की संख्या के आधार पर उत्पाद खरीदना होगा। मौजूदा मामले में सबसे बड़ा आरोप बिस्कुट की कम संख्या को लेकर ही है। इसके बाद उपभोक्ता फोरम ने निर्देश दिया कि कंपनी दिलीबाबू को मुआवजे के रूप में एक लाख रुपये और मुकदमा खर्च के लिए 10,000 रुपये का भुगतान करे। 

टॅग्स :ITCकोर्टTamil Naducourt
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