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भारत की सबसे बड़ी डेटा चोरी के मामले में कांग्रेस ने सरकार से स्पष्टीकरण मांगा, लगभग 67 करोड़ लोगों का डेटा चोरी होने से जुड़ा है मामला

By भाषा | Updated: April 2, 2023 20:32 IST

आरोपी के पास एजु-टेक संगठनों के छात्रों का डेटा था और जीएसटी, विभिन्न राज्यों के सड़क परिवहन संगठनों, प्रमुख ईको-कॉमर्स पोर्टल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और फिनटेक कंपनियों जैसे प्रमुख संगठनों के उपभोक्ता / ग्राहक डेटा भी रखता था। पुलिस ने गिरफ्तारी के दौरान दो मोबाइल फोन, दो लैपटॉप और डेटा जब्त किया था।

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ठळक मुद्देभारत की सबसे बड़ी डेटा चोरी का हुआ खुलासाआरोपी विनय भारद्वाज को पुलिस ने गिरफ्तार किया है 66.9 करोड़ व्यक्तियों और निजी संगठनों का डेटा था विनय भारद्वाज के पास

नई दिल्ली: कांग्रेस ने 66.9 करोड़ व्यक्तियों और निजी संगठनों का निजी एवं गोपनीय डेटा चोरी मामले में सरकार से रविवार को स्पष्टीकरण मांगा और कहा कि यह भारतीयों की निजता एवं सुरक्षा पर हमला है। तेलंगाना की साइबराबाद पुलिस ने शनिवार को बताया था कि उसने 24 राज्यों तथा आठ महानगरों के 66.9 करोड़ व्यक्तियों और निजी संगठनों का निजी एवं गोपनीय डेटा चुराने, अपने पास रखने और बेचने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।

इस संबंध में मीडिया रिपोर्ट साझा करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘भारत के 67 करोड़ लोगों की निजी जानकारियां कैसे और क्यों चोरी हो गईं? सेना का डाटा किसने और कैसे चोरी किया?’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह भारतीयों की निजता और सुरक्षा पर वार है और ये हमें कतई स्वीकार नहीं है। सरकार तुरंत इस मामले पर स्पष्टीकरण दे।’’

साइबराबाद पुलिस की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि आरोपी विनय भारद्वाज के पास से शिक्षा-प्रौद्योगिकी संगठनों के छात्रों का डेटा मिला है। विज्ञप्ति के अनुसार, उसने जीएसटी, विभिन्न राज्यों के सड़क परिवहन संगठनों, प्रमुख ई-कॉमर्स पोर्टल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और फिनटेक कंपनियों जैसे प्रमुख संगठनों का उपभोक्ता/ ग्राहक डेटा भी अपने पास रख रखा था। शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए आरोपी को 104 श्रेणियों में रखे गए लगभग 66.9 करोड़ व्यक्तियों एवं संगठनों का निजी तथा गोपनीय डेटा बेचते हुए पाया गया। विज्ञप्ति में कहा गया है कि आरोपी के पास मौजूद कुछ महत्वपूर्ण डेटा में रक्षा कर्मियों, सरकारी कर्मचारियों, पैनकार्ड धारकों, नौवीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों, वरिष्ठ नागरिकों, दिल्ली के बिजली उपभोक्ताओं, डी-मैट खाताधारकों, विभिन्न व्यक्तियों, नीट छात्रों, अमीर व्यक्तियों, बीमाधारकों, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड धारकों का डेटा और मोबाइल नंबर शामिल हैं। 

आरोपी के पास एजु-टेक संगठनों के छात्रों का डेटा था और जीएसटी, विभिन्न राज्यों के सड़क परिवहन संगठनों, प्रमुख ईको-कॉमर्स पोर्टल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और फिनटेक कंपनियों जैसे प्रमुख संगठनों के उपभोक्ता / ग्राहक डेटा भी रखता था। पुलिस ने गिरफ्तारी के दौरान दो मोबाइल फोन, दो लैपटॉप और डेटा जब्त किया था।

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