कांग्रेस पार्टी अपने विधायकों को एकजुट रखने के लिए जयपुर के रिसॉर्ट में लाने की तैयारी कर रही है। शनिवार सुबह बीजेपी ने एनसीपी के अजीत पवार के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। इसके बाद विधायकों के टूटने का खतरा मंडराने लगा है। राकांपा नेता अजित पवार के बगावत करके शनिवार को भाजपा के साथ हाथ मिला लेने के बाद महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक जोड़तोड़ के बीच सहयोगी कांग्रेस के विधायक किसी खरीद फरोख्त प्रयास से बचने के लिए हवाईमार्ग से जयपुर जा सकते हैं। यह जानकारी शनिवार रात में पार्टी के एक नेता ने दी। इस बीच एएनआई सूत्रों के मुताबिक एनसीपी विधायकों को मुंबई के एक होटल में रखा गया है।
इससे पहले दिन में हुए नाटकीय घटनाक्रम में राकांपा प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने राजभवन में राज्य के उप मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली जबकि देवेंद्र फडणवीस ने दूसरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। इसके बाद रात में अजित पवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायक दल के नेता पद से हटा दिया गया। राकांपा ने गत अक्टूबर में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 54 सीटें जीती थीं।
कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना ने एक गठबंधन सरकार को लगभग अंतिम रूप दे दिया था, तभी अजित पवार ने यह चौंकाने वाला राजनीतिक कदम उठाया। कांग्रेस विधायक नाना पटोले ने शनिवार रात पीटीआई से कहा, ‘‘हम कल जयपुर जा सकते हैं। हम नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ, विधानसभाध्यक्ष के चुनाव और विश्वासमत के लिए राज्य विधानसभा का विशेष सत्र आहूत होने तक वहीं रहेंगे।’’
288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 105 सीटें, शिवसेना ने 56 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीती हैं। पटोले ने कहा कि कांग्रेस के सभी विधायक साथ हैं और वे नहीं टूटेंगे। उन्होंने कहा कि फडणवीस को नये मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लिये 12 घंटे बीत चुके हैं, न तो कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है और न ही राज्य विधानसभा का विशेष सत्र घोषित किया गया है। पटोले ने शनिवार को राज्य के इतिहास का एक ‘‘काला दिन’’ करार दिया। इस बीच इससे संबंधित घटनाक्रम में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी के विधायकों से उपनगरीय क्षेत्र स्थित एक पांच सितारा होटल में मुलाकात की और वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति पर चर्चा की।