नई दिल्ली: कांग्रेस नेता संदीप दीक्षितदिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमलावर रुख अपनाए हुए हैं। संसद के मानसून सत्र के दौरान संदीप दीक्षित ने दिल्ली सेवा अध्यादेश को सही बताते हुए इसका विरोध न करने की बात कही थी। बीते दिनों उन्होंने केजरीवाल सरकार को भ्रष्ट कहा था और अब कहा है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की जरूरत नहीं है।
संदीप दीक्षित शनिवार को कहा, "एक समय था जब हमें लगता था कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना ही चाहिए, लेकिन जिस तरह से अब दिल्ली में काम हो रहे हैं, केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच जिस तरह का सत्ता विभाजन है, उसमें ज्यादा बदलाव की जरूरत नहीं है...भ्रष्टाचार विरोधी शाखा से खुद को बचाने के लिए केजरीवाल तबादलों, पोस्टिंग के लिए जिस तरह की शक्ति चाहते हैं, वह नैतिक नहीं है।"
इससे पहले शुक्रवार को लोकसभा चुनाव 2024 पर कांग्रेस नेता ने कहा था, "हमने ये नहीं कहा कि हम सातों सीटों पर लड़ेंगे। हमने कहा कि हम सात सीटों पर तैयारी करेंगे। गठबंधन की परवाह किए बिना हर पार्टी तैयारी करती है। जब गठबंधन बनेगा तो तय होगा कि कौन किस सीट पर चुनाव लड़ेगा। हमारी बैठक पार्टी को मजबूत करने के लिए थी। हमने बैठक में गठबंधन पर चर्चा नहीं की। हमारा रुख यह है कि हम इस पार्टी (AAP) पर भरोसा नहीं कर सकते। उनकी राजनीति में भ्रष्टाचार है।"
केजरीवाल पर पहले भी हमलावर रहे हैं संदीप दीक्षित
कुछ समय पहले संदीप दीक्षित ने बीजेपी और कांग्रेस को बराबर बताया था, उन्होंने कहा था, “केंद्र सरकार जिस तरह से काम कर रही है, वह गरीबों के कल्याण और लोकतंत्र के लिए सबसे खराब सरकार है। इसके प्रदर्शन से न तो गरीबों को और न ही देश को कोई फायदा हुआ। आम आदमी पार्टी और भाजपा की नीतियों में कोई अंतर नहीं है।'' दीक्षित ने कहा था कि दिल्ली अध्यादेश सही है और अरविंद केजरीवाल खुद को बचाने की कोशिश कर रहे थे क्योंकि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले थे।
इससे पहले दीक्षित केंद्र के दिल्ली सेवा अध्यादेश को बिल के रूप में पेश किए जाने के दौरान इसके विरोध को गलत बता चुके हैं। कांग्रेस नेता के बयानों की चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि कांग्रेस ने राज्यसभा में बिल का विरोध किया था और आप विपक्ष के 'इंडिया' गठबंधन का हिस्सा है।