श्रीनगर: देश में इस समय स्वतंत्रता दिवस को लेकर मुश्तैदी से तैयारी की जा रही है। इस बीच, पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रविवार को सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर कर नया विवाद खड़ा कर दिया है।
1949 के समय जब जवाहर लाल नेहरू पहले प्रधानमंत्री बने थे, उस समय की महबूबा ने तस्वीर शेयर की। इस फोटो में नेहरू श्रीनगर के लाल चौक पर मंच पर तिरंगा लेकर खड़े हैं।
इसी तस्वीर के साथ एक और फोटो लगाई गई है जिसमें वर्तमान समय के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की तस्वीर शेयर की गई है। इन दोनों तस्वीरों को शेयर कर मुफ्ती ने तुलना करते हुए तब के और अब के कश्मीर के बारे में तंज कसा।
दरअसल, महबूबा मुफ्ती ने दोनों तस्वीरों में विरोधाभास दिखाया है और पोस्ट के साथ लंबा नोट लिखा है।
इसमें उन्होंने लिखा है, "प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू 1949 के आसपास श्रीनगर के लाल चौक पर उत्साही कश्मीरियों के बीच तिरंगे के साथ खड़े थे। 2023 में एलजी प्रशासन उसी राष्ट्रीय ध्वज को सुरक्षा कर्मियों से घिरा हुआ लेकर चल रहा है।"
15 अगस्त से पहले पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रमुख ने इन तस्वीरों को साझा कर नया विवाद खड़ा कर दिया है।
गौरतलब है कि रविवार को सिन्हा ने शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर से श्रीनगर के बॉटनिकल गार्डन तक 'हर घर तिरंगा' रैली को हरी झंडी दिखाई।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने हाथ में भारतीय तिरंगे के साथ रैली का नेतृत्व किया, जबकि भाग लेने वाले अन्य लोगों ने 'भारत माता की जय' के नारे लगाए।
इस मौके पर एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि वे, जो कहते थे कि जम्मू-कश्मीर में तिरंगा उठाने वाला कोई नहीं बचेगा, उन्हें समझ आ गया होगा कि जम्मू-कश्मीर का हर युवा राष्ट्रीय ध्वज को उतना ही प्यार करता है जितना देश के किसी अन्य हिस्से के लोग।
मनोज सिन्हा ने इस बयान के जरिए महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधा, जिन्होंने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से पहले टिप्पणी की थी कि अगर जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द कर दिया गया तो तिरंगा उठाने वाला कोई नहीं बचेगा।
आज आयोजित इस रैली में स्कूली छात्रों ने भी 'मेरी माटी मेरा देश' अभियान के तहत जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा श्रीनगर में आयोजित 'हर घर तिरंगा' रैली में भाग लिया।
स्वतंत्रता दिवस के लिए कश्मीर घाटी में कोई प्रतिबंध नहीं
जानकारी के अनुसार, 15 अगस्त के दिन पूरा देश स्वतंत्रता दिवस मनाने वाला है और ऐसे में जम्मू कश्मीर में भी अमन-चैन के साथ आजादी का महोत्सव मनाने की तैयारी की गई है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कहा है कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कश्मीर में कोई प्रतिबंध या इंटरनेट प्रतिबंध नहीं होगा।
कश्मीर डिवीजनल कमिश्नर विजय कुमार बिधूड़ी ने जानकारी देते हुए कहा कि 15 अगस्त को पूरी कश्मीर घाटी में कोई प्रतिबंध नहीं होगा और इंटरनेट सेवा भी चालू रहेगी। लोग 'मेरे माटी मेरा देश' अभियान में बहुत रुचि दिखा रहे हैं, यह एक अच्छा संकेत है।