CJI रमना ने पुलिस को राजनीति से गठजोड़ तोड़ने की सलाह दी, कहा- जांच एजेंसियों की छवि खराब हुई है

By विशाल कुमार | Published: April 2, 2022 07:41 AM2022-04-02T07:41:02+5:302022-04-02T07:45:01+5:30

सीजेआई एनवी रमना ने कहा कि अक्सर पुलिस अधिकारी हमारे पास शिकायत लेकर आते हैं कि शासन में बदलाव के बाद उन्हें परेशान किया जा रहा है। जब आप अपने आप को सत्ता से जोड़ने करने की कोशिश करते हैं तो आपको परिणाम भुगतने होंगे।

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CJI रमना ने पुलिस को राजनीति से गठजोड़ तोड़ने की सलाह दी, कहा- जांच एजेंसियों की छवि खराब हुई है

Highlightsसीजेआई ने कहा कि जब आप अपने आप को सत्ता से जोड़ने करने की कोशिश करते हैं तो आपको परिणाम भुगतने होंगे।उन्होंने कहा कि विडंबना है कि लोग निराशा के समय उनसे (जांच एजेंसी) संपर्क करने से हिचकिचाते हैं।सीजेआई ने एकीकृत जांच एजेंसी के गठन पर जोर दिया।

नई दिल्ली: सरकार बदलने के बाद उत्पीड़न की शिकायत करने वाले पुलिस अधिकारियों को सीधी सलाह देते हुए देश के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमनाा ने शुक्रवार को उनसे हमेशा निष्पक्ष रहने को कहा। सीजेआई ने कहा ‘‘जब आप अपने आप को सत्ता से जोड़ लेते हैं तो आपको परिणाम का सामना करना पड़ेगा।’’

प्रधान न्यायाधीश केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के स्थापना दिवस पर 19वें डी पी कोहली स्मृति व्याख्यान में ‘‘लोकतंत्र: जांच एजेंसियों की भूमिका और जिम्मेदारियां’’ विषय पर कहा कि सीबीआई के कार्यों और निष्क्रियता ने कुछ मामलों में इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं और एक वैधानिक, स्वतंत्र संस्थान स्थापित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया जो सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) जैसी अन्य एजेंसियों के लिए एकीकृत संस्था के रूप में काम कर सके।

जस्टिस रमना ने कहा कि कुछ कर्मियों के सर्वोच्च बलिदान के साथ कई उपलब्धियां हासिल करने के बावजूद यह विडंबना है कि लोग निराशा के समय उनसे (जांच एजेंसी) संपर्क करने से हिचकिचाते हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार, पुलिस ज्यादती, निष्पक्षता की कमी और राजनीतिक वर्ग के साथ घनिष्ठता के आरोपों से पुलिस संस्थान की छवि खेदजनक रूप से खराब हुई है।

उन्होंने कहा, ‘‘अक्सर पुलिस अधिकारी हमारे पास शिकायत लेकर आते हैं कि शासन में बदलाव के बाद उन्हें परेशान किया जा रहा है। जब आप अपने आप को सत्ता से जोड़ने करने की कोशिश करते हैं तो आपको परिणाम भुगतने होंगे।’’

जस्टिस रमना ने कहा कि सामाजिक वैधता और जनता के विश्वास को फिर से हासिल करना समय की मांग है। उन्होंने कहा, ‘‘इसे हासिल करने के लिए पहला कदम राजनीतिक कार्यपालिका के साथ गठजोड़ को तोड़ना है। अक्सर सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाएं पहचान और प्रशंसा की उम्मीद में इस व्यवस्था में प्रवेश करती हैं। लेकिन, अगर खतरा बड़ा होता है तो ईमानदार और सच्चे अधिकारियों को अपनी सत्यनिष्ठा के साथ खड़ा होना मुश्किल लगता है।’’

जस्टिस रमना ने कहा, ‘‘सच्चाई यह है कि अन्य संस्थाएं कितनी भी कमजोर और असहयोगी क्यों न हों अगर आप सभी अपनी नैतिकता के साथ, सत्यनिष्ठा के साथ खड़े हों तो कुछ भी आपके कर्तव्य के आड़े नहीं आ सकता।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में, यह सभी संस्थाओं के लिए सही है। यहीं से नेतृत्व की भूमिका सामने आती है। संस्था उतनी ही अच्छी है, या उतनी ही बुरी, जितनी उसका नेतृत्व। कुछ ईमानदार अधिकारी व्यवस्था में क्रांति ला सकते हैं। हम या तो प्रवाह के साथ जा सकते हैं या हम एक आदर्श बन सकते हैं। चुनाव हमारा होता है।’’

जस्टिस रमना ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि उन्हें यह याद रखना चाहिए कि उनकी निष्ठा किसी व्यक्ति के प्रति नहीं बल्कि संविधान और कानून के शासन के प्रति होनी चाहिए।

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