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चीन के मिलट्री एक्सपर्ट का दावा, भारत के पास पहाड़ी क्षेत्र में लड़ाई के लिए विश्व में सर्वाधिक बड़ी व अनुभवी सेना है

By अनुराग आनंद | Updated: June 9, 2020 19:45 IST

हुआंग गुओझी ने कहा कि वर्तमान में पठार और पहाड़ी क्षेत्र में लड़ाई के लिए विश्व में सर्वाधिक बड़ी व अनुभवी सेना भारत के पास है।

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ठळक मुद्देपर्वतारोहण प्रत्येक भारतीय सैनिक के लिए एक "आवश्यक कौशल" है।पूर्वी लद्दाख के कुछ क्षेत्रों से भारतीय और चीनी सैनिक पीछे हट गई हैं।चीन की पीपुल्स लिबेरशन आर्मी ने सेना और वाहनों को पीछे कर लिया है।

नई दिल्ली: भारत व चीन सीमा पर जारी विवाद के बीच चीन के मिलट्री एक्सपर्ट हुआंग गुओझी ने बड़ा बयान दिया है। हुआंग गुओझी ने कहा है कि भारत के पास पहाड़ी क्षेत्र में लड़ाई के लिए विश्व में सर्वाधिक अनुभवी व ताकतवर सेना है। इसके साथ ही हुआंग गुओझी ने कहा कि भारतीय सेना पर्वतीय लड़ाई के मामले में चीन ही नहीं बल्कि रूस व अमेरिकी सेना से भी अधिक दक्ष व ताकतवर है। 

एचटी रिपोर्ट की मानें तो हुआंग गुओझी चीन के बड़े आधुनिक हथियारों से जुड़े एक पत्रिका के वरिष्ठ संपादक हैं। उन्होंने कहा है कि भारत के पास दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे अनुभवी सेना है, जो ऊंचाई पर होने वाली लड़ाइयों के लिए प्रशिक्षित है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के प्रमुख उपकरण बनाने वाले एक सैन्य विशेषज्ञ ने कहा है कि पर्वतारोहण प्रत्येक भारतीय सैनिक के लिए एक "आवश्यक कौशल" है।  

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि "वर्तमान में पठार और पहाड़ी सैनिकों के साथ दुनिया का सबसे बड़ा और अनुभवी देश न तो अमेरिका , रूस और न ही कोई यूरोपीय ताकतवर देश है, बल्कि वह देश भारत है।" वरिष्ठ संपादक हुआंग गूझी ने पत्रिका में लिखे एक लेख में इस बात का जिक्र किया है।

बता दें कि वरिष्ठ संपादक हुआंग गूझी जिस सैन्य और रक्षा क्षेत्र से जुड़ी पत्रिका के संपादक हैं, वह राज्य के स्वामित्व वाली चाइना नॉर्थ इंडस्ट्रीज ग्रुप कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NORINCO) से संबद्ध है। यह पत्रिका चीनी सेना पीएलए के लिए डिजीटल और  प्रिंट में हथियारों से जुड़ी जानकारी बढ़ाने के लिए आलेख छापने का काम करता है।

लद्दाख बॉर्डर पर दोनों देशों की सेना पीछे हट गई- पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पास भारत और चीन के बीच पिछले महीने से जारी सीमा गतिरोध थमता नजर आ रहा है। सरकारी सूत्रों के अनुसार पूर्वी लद्दाख के कुछ क्षेत्रों से भारतीय और चीनी सैनिक पीछे हट गई हैं। सूत्रों का कहना है कि चीन की पीपुल्स लिबेरशन आर्मी ने सेना और वाहनों को पीछे कर लिया है, जबकि भारत ने भी अपने कुछ सैनिकों की वापसी की है।

भारत और चीन के बीच शनिवार को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की हुई बातचीत के बाद दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटी हैं। बुधवार को पूर्वी लद्दाख के 'हॉट स्प्रिंग्स' क्षेत्र में दोनों देशों के शीर्ष सैन्य अधिकारियों की बातचीत फिर होनी है।

चीन पूर्वी लद्दाख के गालवान इलाके में तैनात सैनिकों को हटा रहा है और साथ ही पैंगोंग त्सो सेक्टर से भी सैनिकों को बाहर निकाल रहा है, जहां वह एक महीने से भारतीय सेना के साथ गतिरोध जारी थी।

चीन और भारत के बीच सीमा को लेकर क्या विवाद है?

भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी यानि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर विवाद है। चीन अरुणाचल प्रदेश पर दावा करता है और इसे दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है। वहीं, भारत इसे अपना अभिन्न अंग करार देता है। दोनों पक्ष कहते रहे हैं कि सीमा विवाद के अंतिम समाधान तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता कायम रखना जरूरी है

टॅग्स :चीनइंडियालद्दाखभारतीय सेना
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