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'चीन ने दूसरे देश के क्षेत्र में एक इंच भी नहीं किया कब्जा', विदेश मंत्रालय ने कहा-हुआ कम्युनिकेशन इश्यू

By स्वाति सिंह | Updated: September 1, 2020 14:21 IST

चीन के विदेशमंत्री वांग यी ने कहा है कि भारत-चीन सीमा का अभी सीमांकन किया जाना बाकी है और इसलिए वहां पर हमेशा समस्याएं बनी रहेंगी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को मतभेदों को संघर्ष में तब्दील होने से रोकने के लिए उनके नेतृत्व के बीच बनी सहमति को लागू करना चाहिए।

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ठळक मुद्देचीनी प्रवक्ता ने कहा कि चीन ने कभी भी किसी युद्ध या संघर्ष को उकसाया नहीं उन्होंने दावा किया कि चीन सीमा सैनिकों ने कभी भी रेखा को पार नहीं किया।

बीजिंगः चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मंगलवार को कहा कि चीन ने कभी भी किसी युद्ध या संघर्ष को उकसाया नहीं और कभी भी दूसरे देश के क्षेत्र में एक इंच भी कब्जा नहीं किया। उन्होंने कहा, 'चीन सीमा सैनिकों ने कभी भी रेखा को पार नहीं किया। शायद कुछ संचार मुद्दे हैं।

इसके साथ ही चुनयिंग ने कहा, 'मुझे लगता है कि दोनों पक्षों को तथ्यों से चिपके रहना चाहिए और द्विपक्षीय संबंधों को बनाए रखने और सीमा पर शांति, शांति बनाए रखने के लिए ठोस उपाय करने चाहिए।' 

भारत-चीन बॉर्डर विवाद अभी नहीं सुलझा 

वहीं, चीन के विदेशमंत्री वांग यी ने कहा है कि भारत-चीन सीमा का अभी सीमांकन किया जाना बाकी है और इसलिए वहां पर हमेशा समस्याएं बनी रहेंगी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को मतभेदों को संघर्ष में तब्दील होने से रोकने के लिए उनके नेतृत्व के बीच बनी सहमति को लागू करना चाहिए। वांग ने यह भी कहा कि चीन भारत के साथ सभी मुद्दों को बातचीत के जरिये सुलझाने को तैयार है। चीन के विदेश मंत्री इस समय यूरोप की यात्रा पर हैं और उन्होंने यह टिप्पणी सोमवार को पेरिस स्थित ‘फ्रेंच इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशन्स’ में एक संवाद के दौरान की।

भारत एवं जापान से चीन के संबंधों से जुड़े एक सवाल पर मंत्री ने पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना की उकसावे की नवीनतम कार्रवाई का सीधा उल्लेख नहीं किया। उनकी यह टिपण्णी भारतीय सेना के इस बयान के घंटों बाद आया जिसमें कहा गया कि चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में उकसावे की कार्रवाई करते हुए पैगोंग झील के दक्षिण में एकतरफा तरीके से यथास्थिति बदलने की कोशिश की।

गलवान घाटी में हुई झड़प में शहीद हुए थे भारतीय सेना के 20 जवान

उल्लेखनीय है कि 15 जून को पूर्वी लद्दाख के ही गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद इलाके में यह पहली बड़ी घटना है। गलवान घाटी में हुई झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। वांग ने कहा, ‘‘चीन-भारत संबंध ने हाल में सभी पक्षों का ध्यान आकर्षित किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चीन और भारत की सीमा का अबतक सीमांकन नहीं हुआ है, इसलिए वहां पर इस तरह की समस्याएं हमेशा रहेंगी। हम भारत के साथ सभी मुद्दों को बातचीत से निपटाने को तैयार हैं।’’

गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख की सीमा पर जारी गतिरोध को दूर करने के लिए भारत और चीन के बीच गत ढाई महीने में सैन्य और राजनयिक स्तर पर कई दौर की बातचीत हो चुकी हैं लेकिन अबतक समाधान की दिशा में कोई अहम प्रगति नहीं हुई है। वांग ने कहा कि चीन का लंबा इतिहास और दुनिया के किसी अन्य देश के मुकाबले सबसे अधिक पड़ोसी हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘आदान-प्रदान का लंबा इतिहास हमेशा एक या दूसरी तरह की समस्याएं छोड़ जाता है। हम इतिहास द्वारा छोड़ी गई समस्याओं पर अपने पड़ोसियों के साथ मिलकर काम करने और दोस्ताना तरीके से परामर्श कर उनके साथ दोस्ती और साझेदारी स्थापित करने की भावना के साथ सुलझाने को तैयार हैं।’’ 

टॅग्स :चीनइंडियालद्दाख
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